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मिलिए झारखंड के ‘पुलिस वाले गुरूजी’ से, हजारों छात्रों को बनाया अधिकारी!

By कुमार विकास

डीएसपी विकासचंद्र के हजारों छात्र प्रशासनिक सेवा, पुलिस सेवा, बैंकिग समेत अन्य क्षेत्रों में नौकरी कर रहे हैं।

चिड़िया का टूटा घोंसला और अंडा देख शुरू की मुहिम, 6 सालों में उगाए 55 जंगल!

By निशा डागर

हाल ही में, उन्होंने पुलवामा शहीद वन भी तैयार किया है, जहां 40 शहीदों के नाम पर 40 हज़ार पेड़ लगाए गए हैं!

केरल के इस शिक्षक ने सरकारी स्कूल को बना डाला एक ब्रांड, डॉक्टर, आईएएस बनाता है यह स्कूल!

By पूजा दास

“मैंने अपनी बीएड पूरी की थी और यह मेरी पहली पोस्टिंग थी। सच कहूं तो, मैं स्कूल के रिजल्ट से घबरा गया था और तुरंत वहां से तबादला चाहता था।"

लॉकडाउन में नहीं बिक रहे थे कद्दू, तो किसानों ने कर्नाटक में बना लिया आगरा का पेठा!

By निशा डागर

सालों से, तीर्थहल्ली के किसान आगरा के पेठे के लिए अपनी फसल भेजते रहे हैं। लेकिन लॉकडाउन ने इस सिलसिले को रोक दिया। पहली बार यह शहर खुद अपना पेठा बना रहा है!

मिर्च की प्रोसेसिंग ने बदली किसानों की ज़िंदगी, लॉकडाउन में भी नहीं रुका काम!

By निशा डागर

पहले किसानों को उनकी ताजा मिर्च का 50 रुपये प्रति किलो तो सूखी मिर्च का 150 रुपये प्रति किलो दाम मिलता था, लेकिन इसी मिर्च के पाउडर का दाम उन्हें 700 रुपये प्रति किलो मिल रहा है।

घर को बनाया प्रकृति और पर्यावरण के अनुकूल ताकि पक्षी बना सके अपना बसेरा!

By निशा डागर

अपने घर में प्राकृतिक रूप से बगीचा तैयार करने के बाद अब रमेश वर्मा अपने गाँव में खाली पड़ी ज़मीनों को हर्बल पार्क में तब्दील करने में जुटे हैं।

इस्तेमाल के बाद मिट्टी में दबाने पर खाद में बदल जाता है यह इको-फ्रेंडली सैनिटरी नैपकिन!

By निशा डागर

फ़िलहाल, भारत में 30 से भी ज्यादा आनंदी पैड्स मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं जो 12 अलग-अलग राज्यों में फैली हैं। इन सभी यूनिट्स को महिलाओं द्वारा ही चलाया जा रहा है!

विलुप्त होती गौरैया को बचाने की मुहिम में जुटा है यह हीरो, गाँव में 7 से 100 हुई संख्या!

By पूजा दास

ओडिशा के ग्यारह जिलों में गौरैया को बचाने की कोशिश के अलावा, रवीन्द्र साहू 1993 से ओलिव रिडले कछुओं के संरक्षण के लिए भी काम कर रहे हैं।

‘जल-योद्धा’ के प्रयासों से पुनर्जीवित हुई नदी, 450 तालाब और सैकड़ों गांवों की हुई मदद!

By निशा डागर

सालों के अथक प्रयास के बाद, रमन कांत उत्तर-प्रदेश की काली नदी के उद्गम को पुनर्जीवित करने में सफल रहे हैं। 598 किमी तक बहने वाली इस नदी के किनारे 1200 गाँव और कस्बे बसे हुए हैं!

सरकारी स्कूल, अस्पतालों, व अनाथ आश्रम को 1 रुपये प्रति यूनिट की दर से मिल रही है बिजली!

By निशा डागर

फोर्थ पार्टनर एनर्जी कंपनी द्वारा शुरू पावर@1 पहल के जरिए हर साल स्कूलों में हज़ारों रुपयों की बचत हो रही है। कंपनी का उद्देश्य उन लोगों तक इको-फ्रेंडली और सस्टेनेबल सौर ऊर्जा पहुँचाना हैं, जहां इसकी सबसे ज्यादा ज़रूरत है।