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संघप्रिया मौर्य

संघप्रिया के पास प्रिंट और वेब पत्रकारिता में कई वर्षों का अनुभव है। एक स्वतंत्र पत्रकार और अनुवादक के रूप में, वह कई मीडिया संस्थानों के साथ जुड़ी रही हैं।

Sardar Udham: पढ़ें, आखिर क्यों उधम सिंह ने अपना नाम रखा था ‘मोहम्मद सिंह आजाद’

शुजीत सरकार के डायरेक्शन में बनी ‘सरदार उधम’ फ़िल्म, प्रसिद्ध क्रांतिकारी के जीवन के कई पहलुओं को हमारे सामने लेकर आती है।

20 सालों से डॉक्टर दंपति कर रहे नेक काम, सड़कों पर भटक रहीं 500 कमजोर महिलाओं की बचाई जान

अहमदाबाद के डॉ राजेंद्र और डॉ सुचिता धमाने का ‘मौली सेवा प्रतिष्ठान’, मानसिक रूप से बीमार उन महिलाओं की देखभाल करता है, जिन्हें परिवार ने छोड़ दिया है।

कोविड के कारण बंद हुआ कैफे लेकिन नहीं मानी हार, ऑटो रिक्शा को एंबुलेंस बना की लोगों की मदद

राधिका शास्त्री ने जब कोविड -19 की दूसरी लहर में नीलगिरी को तबाह होते हुए देखा, तो उन्होंने ऑक्सीजन सिलेंडर और फर्स्ट एड किट वाली एक ऑटो-एम्बुलेंस डिजाइन करने का फैसला किया।

छोटे से गांव से शुरु हुई थी ‘टाइटन’ की टिकटिक, पूरे भारत में कैसे मशहूर हुआ यह स्वदेशी ब्रांड

‘टाइटन’ घड़ियों का सबसे बड़ा भारतीय ब्रांड है, जो शुरुआत से ही ग्राहकों का दिल जीतने में कामयाब रहा है। इस ब्रांड ने सालों से क्वालिटी और हर वर्ग व उम्र के लोगों की पसंद का ख्याल रखा है।

अमरिका से भारत आए 'फकीरा', मारुति 800 में बर्गर बेच बने IIM Icon

अमरिका से भारत लौटकर पार्थिव ठक्कर को जब कोई काम नहीं मिला, तो उन्होंने बर्गर बेचना शुरू कर दिया। आज उनका फूड स्टॉल ‘फकीरा के बर्गर’, आईआईएम अहमदाबाद की एक पहचान बन चुका है।

गेंहू से बनी यह मिठाई है जगन्नाथपुरी के भोग से लेकर चाणक्य के अर्थशास्त्र तक का हिस्सा

बिहार की प्रसिद्ध मिठाई सिलाओ खाजा की कहानी नालंदा के छोटे से गांव से जुड़ी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जीआई टैग वाली यह मिठाई, ओडिशा के जगन्नाथपुरी में भी इतनी ही लोकप्रिय है और वहां इसे बड़े शौक से खाया जाता है?

पोती ने किया मोटिवेट, 78 की उम्र में दादी हुई अपने पैरों पर खड़ी, शुरू किया क्रोशिया बिज़नेस

Home Business For Women: 78 YO Dadi makes sweater, scarf by Croatia, महिलाओं के लिए होम बिजनेस, 78 साल की दादी क्रोशिया से स्वेटर बनाती हैं

IITian ने नौकरी छोड़ बसाया गाँव, 160 लोग शहर छोड़, प्रकृति के बीच जी रहे सुखद जीवन

हैदराबाद के सुनीथ रेड्डी ने अपने दोस्त शौर्य चंद्रा के साथ ‘बी फॉरेस्ट’ की शुरुआत की थी। उनकी यह पहल उन लोगों के लिए है, जो शहर की भीड़-भाड़ से दूर प्रकृति के नजदीक रहकर जैविक खेती करना चाहते हैं।

एक मामूली कदम ने मेरी जान बचायी, सही समय पर डायग्नोस हुआ घातक कैंसर

आमतौर पर कैंसर का पता गंभीर लक्षणों के उभरकर आने या फिर जानलेवा बन जाने के बाद ही चलता है। लेकिन मेहर की कहानी शरीर में साधारण से बदलाव से शुरू हुई थी। पढ़ें कैसे दी मेहर ने कैसंर को मात

भारतीय सेना में भर्ती होने की चाह बनी प्रेरणा, घी खाकर भी 4 महीने में घटाया 31 किलो वजन

घर में भरपूर घी से बना खाना खाने के बावजूद वजन कैसे किया कम? अपने इस सफर के अनुभवों को साझा कर रही हैं दिल्ली की प्राक्षी तलवार।