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प्रीति टौंक

मूल रूप से झारखंड के धनबाद से आनेवाली, प्रीति ने 'माखनलाल पत्रकारिता यूनिवर्सिटी' से पत्रकारिता में मास्टर्स किया है। ऑल इंडिया रेडियो और डीडी न्यूज़ से अपने करियर की शुरुआत करने वाली प्रीति को, लेखन के साथ-साथ नयी-नयी जगहों पर घूमने और अपनी चार साल की बेटी के लिए बेकिंग करने का भी शौक है।

60 की उम्र में आविष्कार! बेटी की पुरानी साइकिल को सोलर से चलने वाली EV में किया तब्दील

By प्रीति टौंक

पेशे से रजिस्ट्री कार्यालय में कॉपी राइटर का काम करनेवाले नदिया (पश्चिम बंगाल) के चंदन विस्वास पहले रेडियो मैकेनिक का काम करते थे। विज्ञान के प्रति अपने लगाव के कारण उन्होंने हाल ही में खुद से अपने लिए एक EV बनाई है, जो सोलर पैनल की मदद से बिना किसी खर्च के चलती है।

बाजार से खरीदने के बजाय, इस बार घर पर बनाएं भाई के लिए स्पेशल ईको-फ्रेंडली राखी

By प्रीति टौंक

बाजार में मिलने वाली राखियां चाहे जितनी भी चमकीली हों, लेकिन बहन के हाथ से बनी होममेड राखी से ज्यादा खूबसूरत और क्या होगा? इन तरीकों से बना सकते हैं घर पर ही राखी।

सुशीला देवी के साइकिल से प्रैक्टिस पर जाने से लेकर, देश के लिए मेडल लाने तक का सफर था कठिन

By प्रीति टौंक

जुडोका सुशीला देवी लिकमाबाम ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में महिलाओं के 48 किग्रा फाइनल में भारत के लिए सिल्वर मेडल जीता। लेकिन यहां तक पहुंचने का उनका सफर आसान नहीं था।

53 वर्षीया यूट्यूबर ने अपना गार्डन दिखाने के लिए शुरू किया था चैनल, आज हो रही अच्छी कमाई

By प्रीति टौंक

मिलिए कोलकाता की मौसमी मंडल से, जिन्होंने अपने खाली समय में अपने गार्डन के वीडियोज़ बनाकर यूट्यूब पर अपलोड करना शुरू किया और आज वह गार्डनिंग के अपने शौक़ के कारण यूट्यूब से कमाई भी कर रही हैं।

कौन हैं पिंगली वेंकैया? जिनकी वजह से हमें मिला तिरंगा, जानिए उस शख्स की अनसुनी कहानी

By प्रीति टौंक

बलिदान, समृद्धि और शांति के प्रतीक इस तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज का दर्जा दिलाने के लिए पिंगली वेंकैया ने लंबी लड़ाई लड़ी थी।

भाई के त्याग को मानते हैं अपनी सफलता का कारण, पढ़ें गोल्डन बॉय अचिंता शेउली की कहानी

By प्रीति टौंक

बर्मिंघम में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के लिए अचिंता शेउली ने वेटलिफ्टिंग का तीसरा गोल्ड जीता है। उन्होंने 73 किलो वर्ग में नए रिकॉर्ड के साथ बाजी मारकर खेल के तीसरे दिन का समापन किया।

70 की उम्र में भी खुद की कमाई से चला रहीं घर खर्च, हर तरह की कर चुकी हैं मजदूरी

By प्रीति टौंक

मिलिए अहमदाबाद के साबरमती इलाके में रहनेवाली 70 वर्षीया जड़ी बा से, जिन्होंने जीवन में बचपन से कठिनाइयां ही देखी हैं। बावजूद इसके उन्हें जीवन से कोई शिकायत नहीं है, बल्कि वह तो इस बात से खुश हैं कि वह काम करके आत्मनिर्भर हैं।

क्या रोड ट्रिप दिव्यांगजनों का काम नहीं? पढ़ें शिवम् ने कैसे पूरी की लद्दाख की बाइक ट्रीप

By प्रीति टौंक

घरवालों से लेकर दोस्तों तक, सबने कहा कि लद्दाख रोड ट्रिप उनके बस की बात नहीं। लेकिन शिवम् ने ठान लिया था कि पैर नहीं हैं तो क्या, मैं अपने जज्बे के दम पर अपने सभी शौक़ पूरे करूंगा।

ये हंसी वादियां! मुक्तेश्वर के जंगल में किसान ने पत्थरों से बनाया लॉज

By प्रीति टौंक

15 साल पहले, जब मनोज अपने फलों के बगीचे मेंपारंपरिक शैली का एक लॉज बना रहे थे, तब लोगों ने यहां तक कि घरवालों ने भी कहा कि इतना खर्च करके होटल जंगल के अंदर बना रहे हो, यहां कौन आएगा? लेकिन आज यह जगह कई प्रकृति प्रेमियों की मनपसंद जगह बन गई है, जहां सालभर लोग सुकून से कुछ पल बिताने आते हैं।

कुएं में उतरकर, दीवारें चढ़कर बचाती हैं जानवरों को, रोज़ भरती हैं 800 बेजुबानों का पेट

By प्रीति टौंक

मंगलुरु की रहनेवाली रजनी शेट्टी, रोज़ 800 से ज्यादा सड़क पर रहनेवाले जानवरों के लिए खाना बनाती हैं। पढ़ें उनकी प्रेरक कहानी।