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निशा डागर

बातें करने और लिखने की शौक़ीन निशा डागर हरियाणा से ताल्लुक रखती हैं. निशा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अपनी ग्रेजुएशन और हैदराबाद विश्वविद्यालय से मास्टर्स की है. लेखन के अलावा निशा को 'डेवलपमेंट कम्युनिकेशन' और रिसर्च के क्षेत्र में दिलचस्पी है.

विदेश में सबकुछ गंवा जीरो से की शुरुआत, भारत में पिज़्ज़ा बेच कमाने लगे लाखों

By निशा डागर

वडोदरा के बिजल दवे Gusto's Pizzeria के नाम से अपना पिज़्ज़ा आउटलेट चला रहे हैं और प्रतिमाह उनकी कमाई लाखों में है।

घर पर ही लगभग 100 किलो खाद बना लेते हैं 72 वर्षीय रजिंदर

By निशा डागर

लुधियाना, पंजाब के 72 वर्षीय रजिंदर सिंह अपने घर के गीले और जैविक कचरे से खाद बनाकर फल-सब्जियों की बागवानी कर रहे हैं।

दर्ज़ियों से कतरन इकठ्ठा कर, ज़रूरतमंद बच्चों को बनाकर देती हैं नए कपड़े

By निशा डागर

फरीदाबाद में रहनेवाली ऋतू सिंह पिछले चार सालों से टेलर, बुटीक आदि से बचे हुए कपड़ों के टुकड़े, कतरन इकट्ठा कर जरूरतमंद बच्चों के लिए कपड़े, पाउच और बैग बनवाती हैं।

कभी चारा बेचा तो कभी ठेले पर सब्जियां, मेहनत से खड़ा किया करोड़ो का कारोबार

By निशा डागर

महाराष्ट्र के उमेश देवकर एक किसान और बिजनेसमैन हैं, जो अपने स्टार्टअप के माध्यम से मुंबई और ठाणे में ग्राहकों तक फल-सब्जियां व अन्य उत्पाद पहुंचाकर करोड़ों की कमाई कर रहे हैं। जानिए उनकी सफलता की कहानी।

बिजली से नहीं सौर ऊर्जा से चलती है यह मशीन, एक दिन में करें 200 सैनिटरी पैड्स का डिस्पोजल

By निशा डागर

मुंबई में रहने वाली डॉ. मधुरिता गुप्ता और रूपम गुप्ता ने मिलकर 'Solar Lajja' मशीन बनाई है, जो Solar Powered Women’s Sanitary Pad Incinerator है।

घर को बना दिया ग्रीन बिल्डिंग, बिना मिट्टी उगा रहे लौकी, करेला, स्ट्रॉबेरी जैसी फसलें

By निशा डागर

बरेली के रामवीर सिंह ने अपने घर में हाइड्रोपोनिक सिस्टम से बागवानी कर रहे हैं और काफी अच्छी मात्रा में सब्जियों का उत्पादन ले रहे हैं।

ओडिशा की 500 साल पुरानी 'तारकसी' अब है विदेशियों की फेवरेट सिल्वर फिलीग्री ज्वेलरी

By निशा डागर

इस लेख में पढ़िए ओडिशा की मशहूर सिल्वर फिलीग्री ज्वेलरी मतलब 'तारकसी' के बारे में।