उत्तर- प्रदेश के चित्रकूट ज़िले के रैपुरा गांव के हर घर में कोई न कोई सरकारी कर्मचारी-अधिकारी है। इस गांव के तीस युवा आइएएस, आइपीएस, पीसीएस और पीपीएस अफसर बने हैं। और इन सबकी कामयाबी के पीछे जो शख्सियत है उनका नाम है डॉ महेंद्र प्रसाद सिंह जिनकी प्रेरणा और प्रयासों से ही गांव के युवा ऐसे मुकाम पा रहे हैं।
Latest Stories
निशा डागर
बातें करने और लिखने की शौक़ीन निशा डागर हरियाणा से ताल्लुक रखती हैं. निशा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अपनी ग्रेजुएशन और हैदराबाद विश्वविद्यालय से मास्टर्स की है. लेखन के अलावा निशा को 'डेवलपमेंट कम्युनिकेशन' और रिसर्च के क्षेत्र में दिलचस्पी है.
1400 प्रति माह से शून्य : कार्यकाल के पहले वर्ष की समाप्ति पर राष्ट्रपति का अनोखा तोहफ़ा!
भारत के राष्ट्रपति के रूप में अपने पहले वर्ष के अंत में, राम नाथ कोविंद ने अपने कार्यालय में एक परिवर्तन लाने का फैसला किया है- उनके कार्यालय में सभी प्लास्टिक की बोतलों को अब कांच की बोतलों से बदल दिया जायेगा! पहले राष्ट्रपति भवन में हर महीने 1 लीटर की लगभग 1200 बोतल और 1/2 लीटर की लगभग 500 बोतले इस्तेमाल की जाती थीं।
नींद न आने से हैं परेशान तो अपनी डाइट में शामिल करें ये चीज़ें, आएगी अच्छी नींद!
यदि आपको भी नींद देर से आने या फिर नींद न आने की समस्या है तो आप बंगलुरु स्थित आहार विशेषज्ञ वसुंधरा अग्रवाल से जान सकते हैं कि कौन से प्राकृतिक आहार खाने से आपको नींद आने लगेगी। उन्होंने बताया कि ट्रीप्टोफन नामक अमीनो एसिड-युक्त खाद्य पदार्थ जैसे दूध, पनीर, अंडे, और मछली आदि खाने से फायदा होगा।
सॉफ्टवेर इंजिनियर बना किसान, अब उगाते है सिर जितना बड़ा अमरुद और कमाते हैं 10 लाख प्रति एकड़!
हरियाणा के जींद जिले के संगतपुरा गांव में जन्मे नीरज ढांडा किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। कंप्यूटर इंजीनियर की डिग्री लेने के बाद नीरज ने अच्छी कंपनी में काम किया। लेकिन साल 2004 में नीरज ने अपनी अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर पूरी तरह से खेती करने का निश्चय किया। अब वे 'जंबो' अमरुद की खेती से लाखों में कमा रहे है।
असम नाव हादसा: 11 साल के लड़के ने नदी में लगाई 3 छलांग, अपनी माँ और आंटी को बचाया!
बुधवार को असम के उत्तरी गुवाहाटी में एक नाव ब्रह्मपुत्र नदी में डूब गई थी। हादसे के समय नाव में 40 लोग सवार थे। इन्हीं लोगों में कमल, उसकी माँ और आंटी भी थे। 11 साल के इस कमल किशोर दास ने अपनी मां और आंटी को बचाने के लिए ब्रह्मपुत्र नदी में तीन बार छलांग लगाई और 20 मिनट में दोनों को बचा लिया।
अपनी पहचान छिपा एक आम नागरिक की तरह केरल की मदद की इस आईएएस अफ़सर ने!
केरल में बाढ़ के दौरान मछुआरे, स्वयंसेवकों, सज्जन पुरुषों और भारतीय सुरक्षा बलों ने साथ मिलकर राहत-बचाव कार्य किया। इन सभी सैंकड़ों हीरो, व हज़ारों स्वयंसेवकों के बीच एक कन्नन गोपीनाथन भी हैं। कन्नन गोपीनाथन दादरा और नगर हवेली के कलेक्टर हैं और उन्होंने केरल में राहत-बचाव कार्य भी किया- लेकिन बिना अपनी पहचान बताये।