Powered by

Latest Stories

HomeAuthorsनिशा डागर
author image

निशा डागर

बातें करने और लिखने की शौक़ीन निशा डागर हरियाणा से ताल्लुक रखती हैं. निशा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अपनी ग्रेजुएशन और हैदराबाद विश्वविद्यालय से मास्टर्स की है. लेखन के अलावा निशा को 'डेवलपमेंट कम्युनिकेशन' और रिसर्च के क्षेत्र में दिलचस्पी है.

इस महिला आईएएस अफ़सर ने अंबिकापुर को बनाया भारत का 'सबसे स्वच्छ छोटा शहर'!

By निशा डागर

लगभग 8 महीने पहले, छत्तीसगढ़ के सुरगुजा जिले की कलेक्टर ऋतू सैन ने अपना स्वच्छता अभियान शुरू किया था। ऋतू साल 2003-बैच की आइएएस अफसर हैं। जिले की राजधानी अंबिकापुर में घुसते ही उन्होंने इस पर काम करना शुरू किया। लगभग 140, 000 लोगों की जनसंख्या वाला अंबिकापुर एक छोटा शहर है।

जस्टिस एम. फातिमा बीवी: वह महिला जो न केवल भारत में बल्कि एशिया में किसी भी सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज बनी!

By निशा डागर

केरल से ताल्लुक रखने वाली फातिमा बीवी पहली महिला न्यायधीश थीं जिन्हें सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया गया था। हाल ही में एक बार फिर इंदु मल्होत्रा को सुप्रीम कोर्ट की न्यायधीश के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की गयी है। पिछले 68 सालों में सुप्रीम कोर्ट में केवल छह महिला जज ही रही हैं।

सार्वजनिक शौचालय भवन में बिताये जीवन के 12 साल, आज है खो-खो चैंपियन!

By निशा डागर

मध्य-प्रदेश से ताल्लुक रखने वाली जूही झा ने अपने जीवन के 12 साल सार्वजनिक शौचालय भवन के कमरे में बिताये हैं। उनके पिता शौचालय में कर्मचारी थे। लेकिन आज जूही खो-खो में चैंपियन हैं। उन्हें सरकार ने विक्रम पुरुस्कार से सम्मानित किया है।

'स्प्रेडिंग स्माइल्स' के जरिये डॉ. वाकनिस लौटा रहे हैं क्लेफ्ट से पीड़ित बच्चों की मुस्कान!

By निशा डागर

पुणे के डॉ पुष्कर वाकनिस अपनी टीम के साथ मिलकर 'स्प्रेडिंग स्माइल्स' नाम से एक प्रोग्राम चलाते हैं। जिसके तहत वे क्लेफ्ट से पीड़ित बच्चों का ऑपरेशन मुफ्त करते हैं। वे हर साल लगभग 40 बच्चों का इलाज करते हैं। उनके साथ इस काम में डॉ नीरज अदाकार और डॉ तृप्ति परे भी शामिल हैं।

रानी दुर्गावती: वह गोंड रानी, जिसने आखिरी सांस तक मुग़ल सेना से युद्ध किया!

By निशा डागर

रानी दुर्गावती का जन्म 5 अक्टूबर, 1524 को उत्तर प्रदेश के बाँदा जिले में कालिंजर के राजा कीर्तिसिंह चंदेल के यहाँ हुआ था। वे अपने पिता की इकलौती संतान थीं। दुर्गाष्टमी के दिन जन्म होने के कारण उनका नाम दुर्गावती रखा गया। उन्होंने मुग़लों के खिलाफ युद्ध लड़ा और मंडला को बचाया।

विले पार्ले कुआं हादसा: बिना अपनी परवाह किये दो युवकों ने बचाई औरतों और बच्चों की जान!

By निशा डागर

मुंबई के विले पार्ले में तृतीय पूजा के समय एक दुर्घटना हो गयी। कुछ औरतें और बच्चे एक बहुत ही पुराने कुए के पास इकट्ठे हुए थे। जिस एक स्लैब से ढका हुआ था। बच्चों के उस पर खेलने की वजह से स्लैब टूट गयी और कुछ औरतें व बच्चे उसमें गिर गये। जिन्हें जिग्नेश सोलंकी और प्रवीन सोलंकी नामक दो लोगों ने बचाया।

बेटे के मृत शरीर को लाने में परिवार ने जताई असमर्थता तो इन चार एम्बुलेंस चालकों ने दिखाई इंसानियत!

By निशा डागर

केरल में कुछ एम्बुलेंस चालकों ने मानवता की मिसाल कायम की है। उन्होंने मलप्पुरम में काम करने वाले एक प्रवासी मजदुर की मौत के बाद उसके शरीर को उसके परिवार के पास वाराणसी पहुँचाने की ज़िम्मेदारी उठाई है। 25 सितम्बर को एक सड़क दुर्घटना में 20 वर्षीय सिकन्दर की मौत हो गयी थी।

दो दशक पहले सबरीमाला मंदिर में जाने वाली पहली महिला थी यह आइएएस अफ़सर!

By निशा डागर

सुप्रीम कोर्ट ने सभी उम्र की महिलायों को केरल के सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति देते हुए सदियों से औरतों के खिलाफ हो रहे इस भेदभाव को खत्म कर दिया है। लेकिन इस फैसले से दो दशक पहले, एक महिला आइएएस अफसर, के. बी. वलसला कुमारी को अपनी ड्यूटी के चलते सबरीमाला मंदिर जाने की अनुमति मिली थी।

#KBC में 6.40 लाख रूपये जीतने वाले दविंदर सिंह 5 रूपये में खिलाते हैं जरुरतमंदों को भरपेट खाना!

By निशा डागर

गुरूवार को कौन बनेगा करोड़पति की हॉट सीट पर बैठने वाले इंजीनियर सरदार दविंदर सिंह ने 6.40 लाख रूपये की धनराशि जीती है। हरियाणा के फरीदाबाद से ताल्लुक रखने वाले दविंदर महज 5 रुपये में लोगों का पेट भर रहे हैं। वे हर शनिवार को सेक्टर-28 के मेट्रो स्टेशन पर इनोवा गाड़ी में 'आप की रसोई' चलाते हैं।

भारत के एकमात्र बोट-म्यूजियम में देखिये 46 तरह की नौकाएं!

By निशा डागर

पश्चिम बंगाल को अगर 'नदियों की धरती' कहा जाए तो गलत नही होगा। यहाँ का मछुआरा समुदाय कभी धन-धान्य से भरपूर हुआ करता था। कोलकाता के कंकुर्गाछी में अंबेडकर भवन में स्थित 'बोट म्यूजियम' को शायद इसी विरासत के सम्मान में बनाया गया है।