"हर एक बच्चे को अच्छी किताबें पढ़ने का हक है। फिर चाहे वह बच्चा स्कूल जाता हो या नहीं, क्योंकि ज्ञान सिर्फ स्कूल तक सीमित नहीं है। इसीलिए मेरी लाइब्रेरी हर किसी के लिए है!"
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निशा डागर
बातें करने और लिखने की शौक़ीन निशा डागर हरियाणा से ताल्लुक रखती हैं. निशा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अपनी ग्रेजुएशन और हैदराबाद विश्वविद्यालय से मास्टर्स की है. लेखन के अलावा निशा को 'डेवलपमेंट कम्युनिकेशन' और रिसर्च के क्षेत्र में दिलचस्पी है.
वाराणसी : ईंट-भट्ठों के किनारे लगती है पाठशाला, 2000 से भी ज्यादा बच्चों को पढ़ा रहे है युवा!
उत्तर-प्रदेश के वाराणसी में युवाओं का एक संगठन ईंट के भट्ठों पर मजदूरी करने वाले बच्चों के जीवन को सँवारने की मुहीम चला रहा है। संगठन का नाम है 'मानव संसाधन एवं महिला विकास संगठन' और इसकी शुरुआत की है डॉ. भानुजा शरण लाल ने। इनके प्रयासों से आज लगभग 1000 बच्चों का स्कूल में दाखिला हो चूका है।
महाराष्ट्र: पिछले 17 सालों से इस सरकारी अस्पताल में गरीबों को मिल रहा है मुफ़्त खाना और कपड़े!
गुरुग्राम: पिता ने किडनैपर्स का पीछा कर बचाया बेटी को, आरोपियों को भेजा जेल!
हरियाणा के गुरुग्राम में एक दसवीं कक्षा की लड़की अपनी सहेली के घर से अपने पिता के साथ वापिस लौट रही थी। तभी दो लोगों ने उसे खींचकर कार में डाल लिया। लेकिन यहां पर इस लड़की ने पिता ने सूझ-बुझ से काम लिया और तुरंत अपनी बाइक पर कार का पीछा किया। उन्होंने अपनी बेटी को बचाया और शिकायत दर्ज करायी।
देश की एकमात्र महिला कॉन्सटेबल जिन्हें मिला अशोक चक्र!
13 दिसंबर 2001 को भारतीय संसद पर आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में पांच आतंकवादी मारे गये और दिल्ली पुलिस के छह अफसर, संसद में तैनात दो सुरक्षा अधिकारी और एक माली भी शहीद हुए। इन शहीद हुए लोगों में एक कॉन्सटेबल कमलेश कुमारी भी थीं, जो आज इकलौती महिला कॉन्सटेबल हैं जिन्हें अशोक चक्र से नवाजा गया।