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निशा डागर

बातें करने और लिखने की शौक़ीन निशा डागर हरियाणा से ताल्लुक रखती हैं. निशा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अपनी ग्रेजुएशन और हैदराबाद विश्वविद्यालय से मास्टर्स की है. लेखन के अलावा निशा को 'डेवलपमेंट कम्युनिकेशन' और रिसर्च के क्षेत्र में दिलचस्पी है.

प्रिंस बंसल: लगातार पढ़ाई और कड़ी मेहनत के दम पर हासिल की बैंक परीक्षा में फर्स्ट रैंक!

By निशा डागर

साल 2016 में SBI PO की परीक्षा में उन्होंने फर्स्ट ऑल इंडिया रैंक प्राप्त की और फिर 2017 में भी उन्होंने RBI Grade B की परीक्षा में पूरे भारत में पहला स्थान प्राप्त किया।

पुरुष-वेश में क्रांतिकारियों तक हथियार पहुँचाती थी यह महिला स्वतंत्रता सेनानी!

By निशा डागर

साल 2010 में रिलीज़ हुई आशुतोष गोवरिकर की फ़िल्म 'खेलें हम जी जान से' में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने स्वतंत्रता सेनानी कल्पना दत्त की भूमिका निभाई थी।

छुट्टियों में महंगे होटल्स नहींं, आदिवासियोंं के साथ जीवन अनुभव कराती है यह ट्रैवल कंपनी!

By निशा डागर

मारिया ने 'मेक ईट हैप्पन' को हॉबी ट्रैवल क्लब के रूप में शुरू किया था। इसे शुरू करने के पीछे उनका उद्देश्य छुट्टियों के प्रति लोगों का नज़रिया बदलना था।

GATE या JEE पास किये बिना भी अब IIT में पढ़ सकते हैं, जानिए कैसे!

By निशा डागर

यदि आप अपने रेग्युलर कोर्स के बीच में भी इस कोर्स में दाखिला लेकर यहाँ इसे एक सेमेस्टर पढ़ते हैं तो आपके रेगुलर कोर्स पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। क्योंकि इस एक सेमेस्टर के आपको क्रेडिट मार्क्स दिए जायेंगें।

ग़रीब महिलाओं के मुफ़्त इलाज के लिए इस डॉक्टर ने अपनी जेब से खर्च किये 10 लाख रुपये!

By निशा डागर

निजी अस्पतालों में इस सर्जरी का खर्च डेढ़ से तीन लाख रुपये तक आता है और यहाँ डॉ. उदय न सिर्फ़ यह सर्जरी मुफ़्त में कर रहे हैं बल्कि सर्जरी के लिए मशीन भी उन्होंने खुद खरीदी है।

कादंबिनी गांगुली : जिसके संघर्ष ने खुलवाए औरतों के लिए कोलकाता मेडिकल कॉलेज के दरवाजे!

By निशा डागर

उनकी सफलता ने बेथ्यून कॉलेज को 1883 में एफए (फर्स्ट आर्ट्स) और स्नातक पाठ्यक्रम (ग्रेजुएशन कोर्स) शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया।

कभी किराने की दुकान पर काम करता था यह IIT ग्रेजुएट, आज लाखों में है सैलरी!

By निशा डागर

11वीं कक्षा की परीक्षा होने के बाद धनंजय अपने एक दोस्त के साथ पटना के लिए निकल पड़े ताकि वे सुपर-30 पहुँच कर टेस्ट दे पाएं।

पुरानी जींस भेजिए और ये नए बैग खरीदिये, जिससे बचेगा पर्यावरण और होगी ज़रूरतमंदों की मदद!

By निशा डागर

शुरूआती एक साल में ही 'द्विज' ने लगभग 2, 500 पुरानी जीन्स और डेनिम इंडस्ट्री से बचने वाले लगभग 500 मीटर डेनिम को अपसाइकिल करके नए प्रोडक्ट्स बनाये हैं।