"हम तो सिर्फ़ यही कह सकते हैं कि चाहे मैं हूँ या फिर जिला अधिकारी, कुछ सालों बाद हमारा ट्रांसफर हो जाएगा। पर यह शहर और इस शहर के लोग तो यहीं रहेंगे, इसलिए ज़रूरी है कि आम नागरिक अपने हाथों में इस तरह के अभियानों की डोर संभाले और बदलाव लाएं।"
Latest Stories
HomeAuthorsनिशा डागर
निशा डागर
बातें करने और लिखने की शौक़ीन निशा डागर हरियाणा से ताल्लुक रखती हैं. निशा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अपनी ग्रेजुएशन और हैदराबाद विश्वविद्यालय से मास्टर्स की है. लेखन के अलावा निशा को 'डेवलपमेंट कम्युनिकेशन' और रिसर्च के क्षेत्र में दिलचस्पी है.
'गीली मिट्टी' के ज़रिए भूकंप और फ्लड-प्रूफ घर बना रही है यह युवती!
By निशा डागर
'पक्के घर' का कांसेप्ट हमारे यहां सिर्फ ईंट और सीमेंट से बने घरों तक ही सीमित है जबकि पक्के घर का अभिप्राय ऐसे घर से होना चाहिए, जो कि पर्यावरण के अनुकूल हो और जिसमें प्राकृतिक आपदाओं को झेलने की ताकत हो जैसे कि बाढ़, भूकंप आदि। नेपाल में आये भूकंप के दौरान सिर्फ़ इस तकनीक से बने घर ही थे जो गिरे नहीं!