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निशा डागर

बातें करने और लिखने की शौक़ीन निशा डागर हरियाणा से ताल्लुक रखती हैं. निशा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अपनी ग्रेजुएशन और हैदराबाद विश्वविद्यालय से मास्टर्स की है. लेखन के अलावा निशा को 'डेवलपमेंट कम्युनिकेशन' और रिसर्च के क्षेत्र में दिलचस्पी है.

35 सालों से असहाय लोगों को रोटी, कपड़ा और घर दे रहा है हरियाणा का यह ट्रक ड्राईवर!

By निशा डागर

देवो आश्रम के नाम से देव गोस्वामी दो शेल्टर होम चला रहे हैं, एक गन्नौर में और एक दिल्ली के द्वारका में। गन्नौर में फ़िलहाल 100 से ज़्यादा लोग हैं तो द्वारका में 80 लोगों का पालन-पोषण हो रहा है!

शूटर दादी: मिलिए दुनिया की ओल्डेस्ट शार्प शूटर चंद्रो तोमर से!

By निशा डागर

87 साल की उम्र में भी चंद्रो तोमर आपको गाँव के बच्चों को शूटिंग की ट्रेनिंग करवाते हुए मिलेंगी!

पढ़ाई के साथ करें कमाई भी, इन प्लेटफॉर्म्स पर मिलेंगे वर्चुअल इंटर्नशिप के विकल्प!

By निशा डागर

इन वेबसाइट्स पर रजिस्टर करने के लिए आपको कोई फीस देने की ज़रूरत नहीं है। यह बिल्कुल स्टूडेंट-फ्रेंडली है!

इस दिवाली खरीदिये ये ख़ास पटाखे, जिनसे धुंआ नहीं सिर्फ़ मिठास घुलेगी!

By निशा डागर

जितना आप पटाखों पर खर्च करते हैं, उतने पैसे में आप किसी ज़रूरतमंद को कपड़े, मिठाइयाँ आदि खरीदकर दे सकते हैं। इससे पर्यावरण के साथ-साथ समाज का भी भला होगा।

बिहार: धान की भूसी से पक रहा है खाना, 7वीं पास के इनोवेशन ने किया कमाल!

By निशा डागर

बहुत-से किसान अब धान की भूसी को फेंकने की बजाय बाज़ारों में इसे 10 रुपये किलोग्राम की दर से बेचते हैं!

मुंबई: घर-घर से इकट्ठा किये प्लास्टिक से बनेंगी अब पब्लिक पार्क के लिए बेंच!

By निशा डागर

इस साल मुंबई में सवा लाख से भी ज़्यादा लोगों ने प्लास्टिक वेस्ट इकट्ठा करके 'प्रोजेक्ट मुंबई' टीम को दान किया है!

देश की आज़ादी के लिए अमेरिका की सुकून भरी ज़िंदगी छोड़ आई थी यह स्वतंत्रता सेनानी!

By निशा डागर

गुलाब ने न सिर्फ़ अपने पति बल्कि सभी तरह की सुविधाओं से भरपूर अपनी आगे की ज़िंदगी को भी छोड़ दिया और देश के लिए आज़ादी की लड़ाई का हिस्सा बन गयीं।

पिता की मृत्यु के बाद छोड़नी पड़ी थी पढ़ाई, आज 70 बच्चों को पढ़ा रहा है यह शख्स!

By निशा डागर

16 दिसंबर 2016 को राजेंद्र ने 15 बच्चों के साथ 'निशुल्क शिक्षा केंद्र' की शुरुआत की और अब यह पहल 70 बच्चों तक पहुँच चुकी है!

अहमदाबाद की सड़कों पर ऑटो, लोडिंग गाड़ी, कैब और स्कूल बस दौड़ा रही हैं ये महिलाएँ!

By निशा डागर

अहमदाबाद में अब तक लगभग 130 महिलाओं को ड्राइविंग सिखाई जा चुकी है और इस बार के बैच में 100 महिलाएं एनरोल हुई हैं। इनमें से 50 से ज़्यादा महिलाएं प्रोफेशनली काम भी कर रही हैं।

अच्छी-ख़ासी नौकरी है, पर सुबह स्टेशन पर बेचते हैं पोहा; वजह दिल जीत लेगी!

By निशा डागर

मुंबई का यह दंपति हर सुबह 5 बजे से लेकर 9:30 बजे तक कांदिवली स्टेशन वेस्ट के बाहर खाने का स्टॉल लगाता है!