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कुमार देवांशु देव

Ajanta Caves: जब अंग्रेज बुद्ध की हजारों छवियां देख रह गए थे हैरान

अजंता की गुफाओं की खोज 1819 में एक सैनिक अधिकारी जॉन स्मिथ ने की। सह्याद्रि पर्वतमाला में बनीं ये गुफाएं सदियों से निर्वाण का प्रवेश द्वार बनी हुई हैं। पढ़िए इसके खोज की रोचक कहानी।

दो दोस्तों ने मिलकर बनाई ऐसी किट, एक पल में हो जाएगा दूध का दूध और पानी का पानी!

दूध में मिलावट की समस्या को देखते हुए मनोज मौर्य और बब्बर सिंह ने एक ऐसी स्ट्रिप किट बनाई है, जो कुछ ही मिनट में मिलावट का पता लगाने में सक्षम है और इसकी लागत सिर्फ 5 रुपये है।

12वीं फेल हुए तो शुरू कर दी मशरूम की खेती, पढ़ें विकास ने कैसे बदली हजारों लोगों की जिंदगी

हरियाणा के रहनेवाले विकास वर्मा ने 12वीं में फेल होने के बाद, खेती की राह चुनी और आज मशरूम की खेती कर लाखों रुपये कमा रहे हैं।

Platelet Count: क्या है, क्यों है और कैसे करें संतुलित?

खून में Platelet Count कम होने से शरीर से काफी खून निकलने लगता है, जिससे ब्रेन हैमरेज का भी खतरा रहता है। जानिए इसे आप प्राकृतिक तरीके से कैसे बढ़ा सकते हैं।

सतपुड़ा के जंगलों से निकालते हैं दुर्लभ शहद, अमेरिका-सिंगापुर जैसे देशों में भी हैं ग्राहक

महाराष्ट्र में अमरावती के रहनेवाले भावेश वानखेड़े, अपनी कंपनी “ट्राइब ग्रोन” के तहत कई तरह के दुर्लभ शहद, हल्दी, चावल जैसे उत्पादों का कारोबार करते हैं। इससे 1200 से अधिक आदिवासी किसानों के जीवन में नया सवेरा आया है।

रात में ड्यूटी जाने पर लोग मारते थे ताना, कोरोना महामारी में एएनएम ने जीता लोगों का दिल

53 वर्षीया रंजू कुमारी बीते दो दशकों से एएनएम के रूप में काम कर रही हैं। उन्हें कोरोना काल में लोगों की दिन-रात सेवा करने के लिए 'राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।

दो दोस्तों ने नौकरी छोड़ शुरू की अपनी कंपनी, हजारों साल पुरानी परंपरा से बनाते हैं घर

तमिलनाडु के कोयम्बटूर के रहनेवाले श्रीनाथ गौतम और विनोथ कुमार ने साल 2018 में सस्टेनेबल आर्किटेक्चर को बढ़ावा देने के लिए ‘भूता आर्किटेक्ट्स’ की शुरुआत की। पढ़ें, कहां से मिली उन्हें इसकी प्रेरणा?

Emperor Raj Raja I: दक्षिण का वह चोल शासक, जिसमें दिखती है समुद्रगुप्त की छवि

राज राजा प्रथम ने अपनी सैन्य शक्ति को मजबूत करने के साथ ही धर्म, संस्कृति और वास्तुकला को भी एक नया आयाम दिया। उनके द्वारा स्थापित मानक आज भी तमिल संस्कृति में देखने को मिलती है।

रिक्शावाले के बेटे ने बनाई मशीन, बिना हाथ लगाए उठेगा कचरा, राष्ट्रपति से पा चुके हैं सम्मान

साल 2016 में मथुरा के रहनेवाले सिकांतो मंडल ने ‘स्वच्छता कार्ट’ का आविष्कार किया था। कूड़ा बीनने वाले इस मशीन के लिए उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा सम्मानित भी किया गया था। पढ़िए इनोवेशन की यह प्रेरक कहानी!

बिहार: 20000+ लोगों को मशरूम उगाने की ट्रेनिंग चुकी हैं पुष्पा, मिल चुके हैं कई सम्मान

बिहार के दरभंगा जिला के बलभद्रपुर गांव में रहनेवाली पुष्पा झा ने साल 2010 में मशरूम की खेती शुरू की थी। शुरुआत में उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ा, लेकिन आज हर दिन हजारों की कमाई हो रही है। पढ़िए यह प्रेरक कहानी!