मुंबई के अक्षय पारकर पहले इंटरनेशनल क्रूज में बतौर शेफ नौकरी कर चुके हैं, लेकिन कोरोना महामारी के कारण उनकी नौकरी छिन गई। अचानक अपनी नौकरी छिन जाने के कारण, वह काफी हताश हो गए। लेकिन, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और खुद का वेंचर “5 स्टार बिरयानी” शुरू करने का फैसला किया।
हैदराबाद स्थित एलवीपीईआई के संस्थापक डॉ. गुलापल्ली नागेश्वर राव को द आउटस्टैंडिंग अचीवमेंट अवार्ड श्रेणी के तहत, ‘End Blindness 2020’ पहल के लिए प्रतिष्ठित ग्रीनबर्ग पुरस्कार के लिए चुना गया है।
आंध्र प्रदेश-ओडिशा सीमा अवैध गांजे की खेती के लिए बदनाम है। लेकिन, मूल रूप से एक एडवेंचर स्पोर्ट्स टीचर जस्टिन स्ट्रॉबेरी, ड्रैगन फ्रूट, पैशनफ्रूट और ब्लैकबेरी जैसे फलों की खेती और उससे केक, वाइन जैसे कई उत्पादों को बनाकर यहाँ विकास की एक नई इबादत गढ़ रहे हैं।
साल 2019 में, आईआईटी हैदराबाद के प्रोफेसर दीपक जॉन मैथ्यू ने अपने घर के बगीचे में टैपिओका लगाया। इसके करीब 8 महीने बाद, उन्हें 24 किलो टैपिओका की फसल मिली, जो औसतन 6 किलो के अनुमानित उपज से चार गुना ज्यादा था।
केरल के कोक्कवड गाँव के रहने वाले जोशी मैथ्यूज के पास 0.25 एकड़ जमीन है, जहाँ उन्होंने जैविक खेती और मछली पालन से लेकर मधुमक्खी पालन की सुविधा भी विकसित कर ली है।
महाराष्ट्र के नासिक में 100 साल पुराना एक स्कूल है। स्कूल प्रबंधन की इच्छा थी कि स्कूल भवन को तोड़कर फिर से बनाया जाए, लेकिन आर्किटेक्ट धनंजय ने इस स्कूल को न केवल टूटने से बचा लिया, बल्कि इसे फिर से एक नया जीवन भी दिया है।
दिल्ली की रहने वाली प्रेरणा ने आइसक्रीम बनाने के बिजनेस को लॉकडाउन के बीच शुरू किया। उनका बनाया आइसक्रीम पूरी तरह से ग्लूटेन-फ्री है, जिसे प्राकृतिक सामग्रियों से बनाया जाता है।