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कुमार देवांशु देव

इंजीनयरिंग छोड़ बने किसान, बिजली की समस्या हल कर, बदल दी पूरे गाँव की तस्वीर

गीताराम, महाराष्ट्र के पुणे जिला के न्हावरे गाँव के रहने वाले हैं। उन्होंने खुद से विंडमिल और सोलर प्लांट विकसित कर, अपने गाँव को भीषण बिजली संकट से उबारा।

छत पर 200+ पेड़-पौधों की बागवानी करती है यह जोड़ी, बाजार पर 75% निर्भरता हुई कम!

छत्तीसगढ़ के रहने वाले सुबोध भोई और उनकी पत्नी ईश्वरी भोई, पेशे से एक शिक्षक हैं। लेकिन, पिछले 8 वर्षों से, अपने व्यस्त दिनचर्या के बीच, दोनों टेरेस गार्डनिंग कर, अपनी बागवानी की रुचि को एक नया आयाम दे रहे हैं।

23 वर्षों से दुनिया के सबसे छोटे सुअर को बचाने के लिए संघर्षरत हैं असम के यह शख्स!

पिग्मी हॉग दुनिया का सबसे छोटा और खास किस्म का जंगली सूअर है। इसकी लंबाई औसतन 60 सेंटीमीटर और ऊंचाई 25 सेंटीमीटर होती है। जबकि, इसका वजन 8 से 9 किलोग्राम होता है।

कर्ज में डूबे ऑटो चालक के लिए मसीहा बना समाज, जानिए पूरी कहानी

पुणे के रहने वाले शिवाजी कांबले, कर्ज में डूबे हुए थे। उनके पास इतने पैसे भी नहीं बचे थे कि वह अपने माता-पिता को ठीक से खाना खिला सकें। ऐसे में वह उन्हें किसी तीर्थ स्थल पर छोड़ने चले गए। इसी क्रम किसी ने उसका वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। उसके बाद जो कुछ भी हुआ, उससे उनकी जिंदगी बदल गई।

अतिरिक्त कमाई के लिए शुरू किया था इडली बनाने का काम, आज है अपनी फूड कंपनी

केरल की फूड एंटरप्रेन्योर रनिता शाबू ने अपने बिजनेस की शुरुआत 2005 में की थी। इसके तहत वह इडली से लेकर, इडियप्पम, वट्टायप्पम, चक्कायदा, चक्का वट्टायप्पम, नय्यप्पम, उन्नीअप्पम, कोज्हुकत्ती और पलाप्पम जैसे दक्षिण भारतीय व्यंजनों को सर्व करती हैं।

“जरूरतमंदों को पैसे देने के बजाय, खाना देना बेहतर…” मिलिए कोच्चि के इस प्रेरक चायवाले से!

केरल के कोच्चि के रहने वाले ओ.ए. नजर और उनके भाई ओ. ए. शमसुद्दीन, अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए, हर दिन कम से कम 10 लोगों को खाना खिलाते हैं।