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कुमार देवांशु देव

लड़के कसते थे फब्तियां, इन चेंज लीडर्स ने पूरे गांव को दिखाई नई राह

भारत में महिलाओं की स्थिति काफी सोचनीय है। उन्हें अपने घर से लेकर पूरे समाज में कई तरह की हिंसा और भेदभाव से गुजरना पड़ता है। लेकिन ‘ब्रेकथ्रू इंडिया संस्था’ ने अपने प्रयासों से समाज में एक नई उम्मीद कायम की है। जानिए कैसे!

“हर कोई सचिन नहीं हो सकता…” : वह माँ जिन्होंने दिया शतरंज के इतिहास का सबसे महान खिलाड़ी

विश्वनाथन आनंद की गिनती शतरंज के इतिहास के सबसे महान खिलाड़ियों में होती है। उन्होंने अपने जीवन में पांच बार वर्ल्ड चेस चैम्पियनशिप जीता है। आनंद की इस सफलता के पीछे उनकी माँ सुशीला आनंद का बड़ा हाथ है।

Electric Tractor जो करेगा 25% पैसों की बचत, लाखों टन जहरीली गैसों पर भी लगेगी लगाम

पेट्रोल-डीजल की आसमान छूती कीमतों और प्रदूषण की समस्या को देखते हुए चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा E-Tractor बनाया है, जिससे न सिर्फ 25 फीसदी पैसों की बचत हो सकती है, बल्कि लाखों टन जहरीले गैसों का उत्सर्जन भी कम होगा।

इस पत्रकार ने कलम छोड़ थामा कुदाल, राजस्थान के वीरानों में लहलहाई हरियाली

राजस्थान के बीकानेर जिले के देसली के रहने वाले रवि बिश्ननोई 2006 से मुख्यधारा की मीडिया में रिपोर्टिंग कर रहे थे। लेकिन, 2019 में उन्होंने नौकरी छोड़ खेती की राह चुनी।

Grow Mogra: खुशबू और औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है मोगरा, जानें गमलें में उगाने का तरीका

मोगरे का फूल (mogra) अपनी अनोखी खुशबू के अलावा कई औषधीय गुणों के लिए भी जाना जाता है। यहां जानिए इसे गमले में उगाने का तरीका।

दशकों से अंधेरे में डूबा था नागालैंड का यह गांव, शिक्षक ने दिखाई 60 परिवारों को रौशनी

नागालैंड का शिन्न्यु गांव (Nagaland Village) भारत-म्यांमार सीमा पर स्थित है। 44 साल पहले बसे इस गांव में बिजली की कोई सुविधा न थी। लेकिन, एक सरकारी शिक्षक के सोशल मीडिया पोस्ट ने उन्हें एक नई उम्मीद दी है। पढ़िए यह प्रेरक कहानी!

कौन थीं रानी कमलापति, जिनके नाम पर बदला हबीबगंज स्टेशन का नाम

भोपाल में 1979 में बने हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम हाल ही में बदलकर, रानी कमलापति रेलवे स्टेशन कर दिया गया। पर, कौन थीं रानी कमलापति? पढ़िए उनकी पूरी कहानी!

तमिलनाडु: इस किसान के प्रयास से इलाके में हिरणों की संख्या हुई तीन से 1800, जानिए कैसे!

तमिलनाडु के पुदुपलायम में रहने वाले 70 वर्षीय आर गुरुसामी ने 1998 में अपनी गायों और बकरियों के साथ तीन हिरणों को चरते देखा। इसके बाद उन्होंने हिरणों को आसरा देने के लिए अपनी 50 एकड़ जमीन खाली छोड़ दी। आज वहां करीब 1800 हिरण रहते हैं। पढ़िए इंसानों और बेजुबानों के बीच जद्दोजहद की यह प्रेरक कहानी!

65 की उम्र में दादी माँ के नुस्खों से छत पर करती हैं 150+ पौधों की देखभाल

इंदौर में रहने वाली 65 वर्षीया चेतना भाटी को बचपन से ही बागवानी से काफी लगाव था। उन्होंने टेरेस गार्डनिंग की शुरुआत, 4 साल पहले सात-आठ फूलदार पौधों से की थी और आज उनके पास 150 से अधिक पौधे हैं। पढ़िए बागवानी की यह प्रेरक कहानी!

हर दिन 13 लाख LPG Cylinder बचा सकता है IIT Guwahati का यह स्टोव, जानिए कैसे

मौजूदा कूकिंग स्टोव की स्थिति को देखते हुए IIT Guwahati के प्रोफेसर, पी मुथुकुमार की अगुवाई में एक ऐसे स्टोव को डिजाइन किया गया है, जिससे न सिर्फ 50% तक ईंधन की बचत हो सकती है, बल्कि इससे 30 फीसदी समय भी बचता है।