मोहान बोरा की 'अन्नपूर्णा लाइब्रेरी' का सिद्धांत है कि बीज बोइए, कुछ फसल में जाने दीजिए और कुछ को सहेजिए ताकि दूसरों को उगाने के लिए दिया जा सके। फिर अन्य किसान चाहें तो कुछ आपको वापस कर सकते हैं और कुछ आगे दूसरे किसानों को दें!
दीपेन का मानना है कि यदि लोग यह काम सीखते हैं और शिल्प को आगे ले जाते हैं तो वही सबसे अच्छा शुल्क होगा। वह अपने छात्रों को हर दिन मुफ्त भोजन भी प्रदान करते है।
अंग्रेजों द्वारा शराब की दुकान खोलने और अफीम उगाने के विरोध में बसंतलता और उनकी महिला साथियों ने मोर्चा खोला था। ये 'स्वदेशी आंदोलन' इस कदर बढ़ा कि अंग्रेजों को इसे रोकने के लिए सर्कुलर निकालना पड़ा!
असम से ताल्लुक रखने वाले और ‘सीरियल इनोवेटर’ के नाम से जाने जाने वाले उद्धब भराली को हाल ही में पद्म श्री से नवाज़ा गया है। उन्होंने कृषि के संबंधित बहुत-से जटिल कार्यों को आसान बनाने के लिए लगभग 140 से भी ज़्यादा इनोवेशन किये हैं।
असम के रहने वाले तेनज़िंग बोडोसा चाय कि जैविक खेती करते हैं। सिर्फ़ चाय की खेती से उनकी सालाना कमाई 60-70 लाख रूपये है। चाय के अलावा वे फल-सब्ज़ियाँ और धान भी उगाते हैं। तेनज़िंग की चाय आज कनाडा, यूके, युएस जैसे देशों में भी मशहूर है।