कहते हैं कि गार्डनिंग का शौक़ किसी नशे की तरह होता है, एक बार चढ़ गया तो आसानी से नहीं उतरता। यही नशा क़रीब तीन सालों से गाज़ियाबाद की रुचि गोयल को भी है, जिसका नतीजा यह हुआ कि आज उनका घर किसी थीम गार्डन की तरह सजा हुआ है। घर आने वाला कोई भी मेहमान उनकी कला की तारीफ़ करते नहीं थकता और उनसे गार्डन डेकोर आइडिया को अपनाता भी है।
सालों से अपने पति के बिज़नेस में हाथ बंटाने और घर में बच्चों की देखभाल करने वाली रुचि को इसी गार्डनिंग ने एक नई पहचान भी दी है।
हालांकि, उनके घर में गार्डन तो हमेशा से था, जिसमें कुछ पौधे लगे थे और माली उनकी देखभाल करता था, लेकिन माली के न आने पर पौधे सूख जाया करते। आज रुचि ने अपने गार्डन का कुछ ऐसा कायाकल्प कर डाला है कि अब उस बेजान से गार्डन में फिर से जान आ गई है।
सास और माँ से सीखी गार्डनिंग
द बेटर इंडिया से बात करते हुए वह बताती हैं, “साल 2013 के पहले तक मेरी सास हमारे गार्डन का ख़्याल रखती थीं। लेकिन उनकी मृत्यु के बाद गार्डन पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। हर कोई अपने-अपने काम में बिज़ी था। लेकिन जब मैंने देखा कि मेरी सास की धरोहर खोती जा रही है, तो मैंने पौधों की तरफ़ थोड़ा ध्यान देना शुरू किया। बचपन में मेरी माँ भी गार्डनिंग किया करती थीं, लेकिन मैंने कभी पौधों में ज़्यादा रुचि नहीं ली थी।”
रुचि ने लगभग चार साल पहले पौधों का ख़्याल रखना शुरू किया। इस तरह उन्होंने मरते पौधों में जान डालने के साथ-साथ, कई तरह के नए पौधे उगाना भी शुरू कर दिया। आज रुचि सारे काम छोड़कर गार्डनिंग में इतना खो गई हैं कि उनके बच्चे भी शिकायत करने लगे हैं।
वह ढूंढ-ढूंढकर आज नर्सरी से सजावटी पौधे लाती हैं और उन्हें गार्डन में लगाती हैं।
गार्डन डेकोर आइडिया : कबाड़ से सजा रहीं गार्डन
रुचि ने पौधे उगाना तो शुरू कर दिया था, लेकिन गार्डन को सजाना अभी भी बाक़ी था। रुचि हमेशा से काफ़ी क्रिएटिव रही हैं, वह पेंटिंग भी किया करती थीं। लॉकडाउन के समय जब वह घर पर ही थीं, तब उनका ध्यान अपने घर के स्टोर रूम पर गया।
रुचि बताती हैं, “हमारे घर में एक कमरा है, जहां हम सारा कबाड़ का सामान जमा करते रहते हैं। लॉकडाउन में मैंने उसमें से ढेरों चीज़ें निकालीं और उन्हें पेंट करना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे मैंने महसूस किया कि इन्हें फेंकने के बजाय, अपसाइकिल किया जा सकता है और इनसे मैं गार्डन भी सजा सकती हूँ।”
इसके बाद तो उनके गार्डन डेकोर आइडिया कमाल ही करते गए। उन्होंने टूटे हुए कई पंखों से एक सुन्दर मेसेज वाला आर्ट पीस बनाकर गार्डन में लगाया। अपने पति के पुराने स्कूटर और बच्चों की साइकिल को पेंट किया। यहां तक कि ख़राब बल्ब और कांच के वॉश बेसिन को भी उन्होंने पौधे उगाने और गार्डन सजाने के लिए इस्तेमाल किया है।
रुचि कहती हैं कि उनके बेकार स्कूटर का नया रूप देखकर, तो कई लोग उनसे पूछते हैं कि ऐसा स्कूटर उन्होंने कहा से ख़रीदा।
पौधों के नाम याद रखने के लिए निकाला बेहतरीन तरीका
अपने गार्डन में लगे सारे पौधों के नाम याद रखने के लिए भी उन्होंने बढ़िया तरीका निकाला है। वह बताती हैं, “लॉकडाउन में मैंने एक और गार्डन डेकोर आइडिया ढूंढा और अपने बच्चों को पत्थरों पर हर एक पौधे का नाम पेंट करने का काम दिया था, जिससे हम सभी को पौधों के नाम याद रह सकें।”
पिछले साल से रुचि अपनी छत पर सब्जियां भी उगा रही हैं। हालांकि, शुरुआत में गर्मियों के समय उन्हें किचन गार्डन का अच्छा रिजल्ट नहीं मिला था, लेकिन उन्होंने हार मानने के बजाय फिर से कोशिश की, जिसके बाद ठंड में उन्हें गाजर, मूली, धनिया के साथ-साथ, कई ताज़ी और ऑर्गेनिक सब्जियां खाने को मिलीं।
उनके घर में नीचे की तरफ़ एक छोटा सा तालाब है, अलग-अलग जगहों पर हज़ारों सजावटी पौधे लगे हैं और छत पर एक किचन गार्डन बना है।
गार्डन डेकोर आइडिया : ट्रे गार्डनिंग से घर के अंदर ला रहीं हरियाली
आर्ट और क्राफ्ट की शौक़ीन रुचि के गार्डन डेकोर आइडिया में हमेशा कुछ नया ही रहता है और उन्हें इसमें काफ़ी मज़ा भी आता है। एक बार उनके पति को तोहफ़े में सान्सेवीरिया का एक पौधा मिला था। वह पौधा उन्होंने एक ट्रे में सजाया हुआ था और आराम से घर के अंदर बढ़ रहा था। इसके बाद, तो उन्होंने अपनी कला और क्रिएटिविटी से एक से बढ़कर एक ट्रे गार्डन तैयार करना शुरू कर दिया।
इसके लिए वह अपने बच्चों के पुराने खिलौने और टूटे पॉट्स जैसी चीज़ों का इस्तेमाल करती हैं। इस तरह उन्होंने कई पौधे घर के अंदर ट्रे गार्डन में भी सजाकर रखे हैं।
वह कहती हैं, “यह एक बेहद ही आसान और क्रिएटिव तरीका है घर के अंदर हरियाली लाने का। मेरे घर आने वाला हर इंसान मेरे थीम से जुड़े ट्रे गार्डन की खूब तारीफ़ करता है।”
इतना ही नहीं, वह कहीं भी फंक्शन या पार्टी वग़ैरह में किसी दूसरे गिफ़्ट के बजाय, खुद ही एक ट्रे गार्डन बनाकर ले जाती हैं।
अपने इस गार्डनिंग के शौक़ की वजह से उन्हें अपने परिवार के साथ-साथ, सोशल मीडिया पर भी एक अलग पहचान मिल गई है। वह अपने गार्डन के क्रिएटिव वीडियोज़ और फोटोज़ अपने इंस्टा पेज ‘हरियाली बाय रुचि’ पर शेयर करती रहती हैं। जहाँ लोग उनसे गार्डन सजाने की टिप्स मांगते हैं।
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हैप्पी गार्डनिंग!
संपादन – भावना श्रीवास्तव
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