यह कहानी एक ऐसी गृहिणी (Kerala Homemaker) की है, जिन्होंने यूट्यूब के ज़रिए अपनी पहचान बनाई और आज उनका टर्नओवर लगभग 1 करोड़ रुपये पहुँच चुका है। अपने यूट्यूब चैनल से वह कम्पटीशन की तैयारी कर रहे छात्रों की मदद कर रही हैं और उन्हें इनोवेटिव तरीकों से पढ़ा रही हैं।
कंप्यूटर साइंस में बी. टेक 34 वर्षीया आशा बिनीश पिछले 4 सालों से सफलतापूर्वक अपना यूट्यूब चैनल, कॉम्पेटिटिव क्रैकर चला रही हैं। केरल के काकनाड में रहने वाली आशा अपने चैनल के ज़रिए कम्पटीशन एग्जाम की कोचिंग देती हैं। मात्र एक-दो छात्रों से शुरू हुआ उनका काम आज 5 हज़ार छात्रों तक पहुँच चुका है और उनके चैनल पर 2 लाख 60 हज़ार सब्सक्राइबर हैं।
आशा ने द बेटर इंडिया को अपने सफर के बारे में विस्तार से बताया। वह कहतीं हैं, “मैंने महज 30,000 रुपये के शुरूआती निवेश के साथ इस ऑनलाइन ट्रेनिंग प्लेटफॉर्म की शुरुआत की थी और कंपनी को वित्त वर्ष 2019-20 में लगभग 1 करोड़ रुपये की कमाई हुई।”
किया यूट्यूब का उपयोग:
2006 में ग्रैजुएशन के बाद आशा कम्पटीशन एग्जाम की तैयारी में जुट गई और फिर उन्होंने बैंक की परीक्षा दी और सफल भी हुईं। ट्रेनिंग के दौरान उन्हें महसूस हुआ कि अच्छी कोचिंग क्लासेज की काफी कमी है। इस बात से ही उन्हें हमेशा लगता था कि वह इस क्षेत्र में अपना कुछ कर सकती हैं। खुद की कोचिंग क्लास का आईडिया उनके मन में बस गया।
इसलिए उन्होंने एक कोशिश करने की ठानी और साल 2015 में उन्होंने कुछ लेक्चर रिकॉर्ड किए और यूट्यूब पर अपलोड कर दिए।
“शुरूआत में, कंप्यूटर साइंस के ज्ञान के कारण मैंने गणित और जनरल नॉलेज की कोचिंग वीडियोज डालना शुरू किया। पहले दो वीडियो में मुश्किल से कोई व्यूज मिले लेकिन तीसरे वीडियो से लोगों ने देखना शुरू किया और सराहा भी,” उन्होंने बताया।
आशा ने केवल एक लैपटॉप, एक स्मार्टफोन और 30,000 रुपये के निवेश के साथ शुरूआत की थी। तीसरे वीडियो के बाद उन्हें कुछ छात्रों ने फ़ोन करके उन्हें क्लासेज देने के लिए कहा।
इसके बाद आशा ने एर्नाकुलम में अपनी कोचिंग क्लास शुरू करने के लिए एक जगह किराए पर ले ली। शुरूआत में सिर्फ तीन बच्चे थे लेकिन फिर और भी लोगों को जैसे-जैसे पता चला उनके छात्र बढ़ते गए। वहीं से कॉम्पेटीटीव क्रैकर का जन्म हुआ और तब से यह एक मल्टी-चैनल लर्निंग प्लेटफार्म में विकसित हुआ है- कांटेक्ट क्लासेज, ऑनलाइन कंटेंट और यहाँ तक कि मोबाइल एप भी है।
ऑनलाइन टीचिंग पर शिफ्ट:
पहले ऑनलाइन टीचिंग आम बात नहीं हुआ करती थी लेकिन तब से ही आशा ने अपनी कोचिंग क्लासेज को ऑनलाइन लेकर जाने का फैसला किया ताकि वह ज्यादा से ज्यादा छात्रों तक पहुँच सकें। जब उन्होंने शुरूआत की तो ऑनलाइन लर्निंग मॉडल ज्यादा लोगों को पसंद नहीं था। उन्होंने कई तरह की चुनौतियाँ भी झेलीं लेकिन कभी हार नहीं मानी।
शुरूआत दिनों में, आशा और उनकी दोस्त, मिठू कक्षाएं लेतीं थीं। लेकिन जैसे-जैसे पहुँच बढ़ रही थी, तो और भी लोग उनसे जुड़ना चाहते थे और आज उनकी टीम में कुल 27 लोग हैं जो पढ़ाते हैं।
लॉन्च के एक साल बाद तक आशा ने वन मैन आर्मी की तरह काम किया। पढ़ाने से लेकर यूट्यूब वीडियो बनाना, अपलोड करना, मार्केटिंग देखना- सभी कुछ वह खुद करतीं थीं। इसके बाद, लगभग 3 साल पहले उनके पति बिनीश ने हिंदुस्तान लाइफ केयर में अपनी नौकरी छोड़कर उनके उद्यम में साथ देना का फैसला किया।
वह बताते हैं कि उन्हें अपनी पत्नी पर पूरा भरोसा था और साथ ही वह जो काम कर रही थीं उस पर भी। इसलिए उन्होंने अपनी अच्छी-खासी नौकरी छोड़ उन्हें ज्वाइन करने की ठानी। “मुझे उस पर गर्व है। उसने इसे बहुत अच्छे तरीके से मैनेज किया है और कॉम्पेटिटिव क्रैकर में अपना योगदान देकर मुझे भी ख़ुशी मिल रही है,” उन्होंने आगे बताया।
पढ़ाने के तरीकों में नवाचार:
आशा ने लॉकडाउन के दौरान भी हार नहीं मानी। उन्होंने इस मुश्किल वक़्त को बच्चों के लिए पढ़ाई के बेहतर समय के तौर पर बदल दिया। उन्होंने यूट्यूब वीडियो के लिए अनोखे तरीके अपनाए, जैसे एक वीडियो में आशा अपने परिवार के लिए खाना बनाते हुए बता रही हैं कि छात्रों को परीक्षा में किन ज़रूरी विषयों को पढ़ना है।
“इमली में कौनसा एसिड होता है?,” उन्होंने रस्म बनाते हुए पूछा। “टार्टरिक एसिड,” वह जवाब देती है और फिर अगले रसम के लिए अगली सामग्री उठाती हैं। इस तरह से जब तक उन्होंने रसम बनाई उनके छात्रों ने भी कुछ न कुछ सीखा।
आशा कहती हैं, ” हमारे आस-पास की हर चीज में सीखने के लिए कुछ है – बस एक सही सवाल पूछने की जरूरत है। वह कहती है, “मुझे खाना पकाने, सीखने और सिखाने का शौक है, और इस लॉकडाउन ने मुझे यह सब करने का मौका मिला।”
कोट्टायम की रहने वाले दीपू एस, साल 2016 से आशा की कक्षाओं से जुड़े हुए हैं। वह कहते हैं कि सबसे अच्छी बात यह है कि किसी भी चीज़ के लिए आशा को कभी भी फ़ोन किया जा सकता है। वह तुरंत जवाब देती हैं। उनके मैथ्स के ट्रिक्स भी परीक्षाओं में काफी मदद करते हैं। केरल लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 1,141 रैंक हासिल करने के बाद, दीपू अब पद पाने की प्रतीक्षा कर रहा है।
वीडियो देखें:
उनके मोड्यूल की कीमत:
उनके पैकेज की लागत मॉड्यूल और सत्रों की संख्या के आधार पर अलग-अलग होती है। उनके कोर्स हज़ार रुपये से शुरू होते हैं और कुछ मुफ्त में भी उपलब्ध हैं। आप यहाँ पर क्लिक करके सभी जानकारी ले सकते हैं!
आशा और उनकी टीम का एक ब्लॉग भी है जहाँ परीक्षा की तारीख, पाठ्यक्रम और अन्य प्रासंगिक जानकारी अक्सर अपडेट की जाती है। इसके लिए यहाँ क्लिक करें!
अगर आप उन्हें संपर्क करना चाहते हैं तो आप उनकी वेबसाइट या YouTube चैनल पर जा सकते हैं या फिर उन्हें competitivecracker12@gmail.com पर ई-मेल भी कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें: दिल्ली: माँ ने बेटे के लिए शुरू किया घर में आइसक्रीम बनाने का काम, अब लाखों होती है कमाई
संपादन: जी. एन. झा
यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है, या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ साझा करना चाहते हो, तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखें, या Facebook और Twitter पर संपर्क करें।
Kerala Homemaker turned entrepreneur, Kerala Homemaker started youtube channel, Kerala Homemaker
We at The Better India want to showcase everything that is working in this country. By using the power of constructive journalism, we want to change India – one story at a time. If you read us, like us and want this positive movement to grow, then do consider supporting us via the following buttons: