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Positive stories of women empowerment, achievements, initiatives, heroes, heroines, farmers, innovations, business and many more from Uttar Pradesh, India.उत्तर भारत के उत्तर प्रदेश से जुड़ीं पॉजिटिव, सकारात्मक कहानियां, अच्छी ख़बरें, आविष्कार से सम्बंधित ख़बरें, अनजाने नायक जो एक बेहतर कल के लिए प्रयासरत हैं. उत्तर प्रदेश की महिलाओं की कहानियां, जिन्होंने बदलाव की नींव रखी। उत्तर प्रदेश के किसानों को प्रेरित करने वाली प्रगतिशील किसानों की ख़बरें। शून्य से शुरू करके शिखर तक पहुँचने वाले लोगों की कहानियां। छोटे व्यवसाय से अपनी किस्मत बदलने वाले लोगों की प्रेरक कथाएं। \ Positive stories of women empowerment, achievements, initiatives, heroes, heroines, farmers, innovations, business and many more from Uttar Pradesh, India.

8 फीट की बालकनी में उगाए 300+ पौधे, मेरठ में ले आयीं असम की यादें

By प्रीति टौंक

मेरठ की सुमिता सिंह जब भी अपने बचपन को याद करतीं, उन्हें असम की हरियाली याद आती। पर यहाँ न आँगन था, न छत! फिर क्या, उन्होंने अपनी छोटी सी बालकनी में ही 300 से ज़्यादा पौधे लगा दिए। आप भी लीजिए उनसे बागवानी के कुछ टिप्स।

महिला उद्यमी का कमाल, Say No to Plastic, करें इनकी बनाई 'कागज़ी बोतल' का इस्तेमाल

By प्रीति महावर

नोएडा की महिला उद्यमी, समीक्षा गनेरीवाल ने एक Startup लॉन्च किया है, जहाँ वह 100% कम्पोस्टेबल कागज़ से बोतलें बना रही हैं। Say no to plastic और आज ही अपनाएं यह इको-फ्रेंडली बोतल।

UP का पायलट और कंस्ट्रक्शन कंपनी का मालिक, मिलकर बनाने लगे 'देसी बर्गर' और बन गए करोड़पति

By निशा डागर

उत्तर प्रदेश के रहनेवाले कमर्शियल पायलट रजत जैसवाल और अपनी कंस्ट्रक्शन कंपनी चलाने वाले उनके दोस्त, फरमान बेग ने 2016 में 'Wat-a-Burger' ब्रांड की शुरुआत की थी, जिसके आउटलेट आज 11 राज्यों के 16 शहरों में हैं।

टूटे हुए पेड़ों और बेकार लकड़ी के टुकड़ों से बनाते हैं Sustainable Furniture

By प्रीति टौंक

वाराणसी के संदीप सरन, 'काठ कागज' नामक होम-स्टूडियो चलाते हैं, जहाँ बेकार पड़ी लकड़ियों का इस्तेमाल कर, वह अपने ग्राहकों की जरूरतों के मुताबिक़ Sustainable Furniture बनाकर देते हैं।

एक एकड़ के चौथाई हिस्से में लगाया ड्रैगन फ्रूट, कमाई पांच लाख रुपए से ज्यादा

By निशा डागर

उत्तर प्रदेश के किसान रविंद्र पांडेय ने ड्रैगन फ्रूट की सफल खेती से आज अपनी अलग पहचान बनायी है।

नौकरी छोड़, तीन भाइयों ने शुरू किया मोती पालन, गाँव के 180+ लोगों को दिया रोज़गार

By प्रीति महावर

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के नारायणपुर गांव में रहने वाले तीन भाइयों, श्वेतांक पाठक, रोहित आनंद पाठक, मोहित आनंद पाठक और उनके चाचा, जलज जीवन पाठक ने गांव वालों की मदद करने के लिए, अपनी-अपनी नौकरी छोड़कर, ‘उदेस पर्ल फार्म्स’ की स्थापना की। यहाँ मोती पालन के ज़रिए वे, 180 से ज्यादा लोगों को रोजगार दे रहे हैं।

केले के पेड़ से निकले कचरे से खड़ा किया बिज़नेस, गाँव की 450 महिलाओं को मिला रोज़गार

By प्रीति टौंक

उत्तर प्रदेश के कुशीनगर के एक गाँव हरिहरपुर के 35 वर्षीय रवि प्रसाद ने, अपने ही गाँव में केला फाइबर (Banana Fiber) से रोजगार का अवसर ढूंढ निकाला है।

शहर में सब्जियां उगाकर गाँव भी भेजते हैं, लखनऊ के चौधरी राम करण

By प्रीति टौंक

बचपन से खेती के शौकीन रहे लखनऊ के चौधरी राम करण, बैंक से रिटायरमेंट के बाद अपनी छत पर ही उगा लेते हैं 30 से ज्यादा फल-सब्जियां।