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घर के गार्डन में उगाते हैं 34 किस्म की बोगनविलिया फूल, हर महीने कमा रहे हैं 2 लाख रूपये

By पूजा दास

बागवानी के टिप्स साझा करने के लिए केरल के इस कपल का एक यूट्यूब चैनल भी है जिसके करीब 60 हज़ार से अधिक सब्सक्राइबर हैं।

...और ऐसे सीखा मैंने घर पर सब्जियाँ उगाना, शुक्रिया 'द बेटर इंडिया'!

By पूजा दास

मेरे दिमाग में बचपन से एक बात घर कर गई थी कि बागवानी के लिए बहुत बड़ी जगह और बहुत सारी मेहनत की ज़रूरत होती है। लेकिन ‘द बेटर इंडिया’ ने न केवल मेरा यह भ्रम दूर कर दिया बल्कि कोरोना के इस तनावपूर्ण माहौल में बागवानी करने के लिए प्रेरित भी किया है।

कॉल सेंटर की नौकरी छोड़ उगाये वॉटर लिली और लोटस, शौक पूरा होने के साथ शुरू हुई कमाई!

वाटर लिली और लोटस प्राकृतिक रूप से तालाब में खिलते हैं और इन्हें घर की छत पर उगाने के लिए अभिषेक ने छोटे-छोटे टब में पानी भर कर लगाया हुआ है।

पुणे: बिना मिट्टी के ही घर की छत पर उगा रहीं हैं फल, सब्जियाँ और गन्ने भी, जानिए कैसे!

By पूजा दास

नीला के टैरेस गार्डन की सबसे खास बात यह है कि यहाँ  पौधे उगाने के लिए वह मिट्टी की बजाय घर पर तैयार की गई कंपोस्ट का इस्तेमाल करती हैं। यह कंपोस्ट सूखे पत्ते, रसोई का कचरा और गोबर के मिश्रण से बनाया जाता है।

आटे के थैले और चाय के पैकेट में लगा रहीं पौधे, हर महीने यूट्यूब पर देखते हैं लाखों लोग!

“एक समय मेरे घर के आगे एक तालाब हुआ करता था, जिसमें लोग कूड़ा-कचड़ा फेंक देते थे। इसके बाद मेरे पिता जी ने उसमें मिट्टी भर कुछ फलदार पेड़ लगाए, धीरे-धीरे यह सिलसिला बढ़ता गया। आज हम आम, अमरूद, अनार जैसे फलदार पेड़ों से लेकर गिलोय, कालाबांसा, थोर जैसे कई औषधीय पौधों की भी खेती करते हैं। -अप्रती सोलंकी

केरल: मिलकर सब्ज़ियाँ उगा रहे हैं ये पड़ोसी, चार घरों की हो रही है आपूर्ति!

By निशा डागर

"सिर्फ दो महीने की मेहनत से हमें इतनी उपज मिली कि यह हमारे चार परिवारों के लिए पर्याप्त से भी ज्यादा है। हमें कहीं बाहर से सब्जियां खरीदने की ज़रूरत ही नहीं है, बल्कि दूसरे लोग हमारे यहाँ आकर सब्जियां लेकर जाते हैं।"

अपनी छत पर कपड़े के बैग में उगातीं हैं तरबूज, पढ़िए मेरठ की डेंटिस्ट का यह कमाल का आइडिया!

By पूजा दास

डॉ. शिवानी कालरा आज अपने घर की छत पर थैलियों में तरबूज़ और अन्य सब्जियाँ उगा रही हैं, लेकिन कालरा कहती हैं कि यहाँ तक पहुँचना आसान नहीं था। पहले उन्होंने टमाटर उगाने की कोशिश की लेकिन असफल रहीं। बाद में आलू बोए लेकिन वहाँ भी सफलता हाथ नहीं लगी।

#गार्डनगिरी: घर से लेकर लाइब्रेरी तक, पौधों की दुनिया बसा रही हैं सना ज़ैदी!

By निशा डागर

"अगर आपके आस-पास हरियाली है तो चाहे आप कितने भी तानव में हों, एक सकारात्मक ऊर्जा आपको ज़रूर मिलती है। यही सोचकर मैंने लाइब्रेरी में भी पेड़ लगाए ताकि वहां बैठकर पढ़ने वाले बच्चों का मन इन्हें देखकर शांत और खुश रहे।"

कटहल से लेकर नारियल तक, 41 प्रकार के पेड़-पौधे हैं मुंबई की इस सोसाइटी के भीतर!

यहाँ हर वर्ष 600 नारियल, 800-900 आम, 30-40 किलो जामुन और कटहल का उत्पादन होता है और इसे सोसाइटी के सभी 86 फ्लैटों में बराबर बांटा जाता है।