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प्लास्टिक बॉटल में स्ट्रॉबेरी, PVC पाइप में पालक! 70 साल की लिज़ी से सीखें बागवानी के गुर

बेंगलुरु की लिज़ी जॉन 70 साल की हैं, वह पिछले नौ सालों से हर तरह की ऑर्गेनिक सब्जियां, मसाले और फल अपनी छत पर उगा रही हैं।

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terrace garden of lizy (1)

बेंगलूरु, कर्नाटक की रहनेवाली 70 वर्षीया लिज़ी जॉन पीवीसी पाइप में गार्डनिंग करते हैं और उनके लिए, अपने टेरेस पर हरी-भरी सब्जियां और फल उगाना बेहद फायदेमंद रहा है। वह इस उम्र में भी स्वस्थ और ऊर्जावान रहने का एकमात्र कारण गार्डनिंग को ही मानती हैं।

25 से अधिक साल तक होममेड स्नैक्स बिज़नेस चलाने के बाद, जब उन्होंने रिटायर होने का सोचा तभी उन्होंने फैसला कर लिया था कि अब वह गार्डनिंग ही करेंगी। हालांकि उनके पास जगह काफी सिमित थी, लेकिन यह कभी भी उनके लिए कोई समस्या नहीं रहा। 

द बेटर इंडिया से बात करते हुए वह कहती हैं,  “हालांकि मेरे पास 1,200 वर्ग फुट की छत है। लेकिन मैं अपनी सब्जियां और पौधे 1,000 वर्ग फुट से कम में उगाती हूं, क्योंकि छत पर सोलर पैनल और पानी के टैंक भी रखे हुए हैं। लेकिन अब यह जगह भी मेरे लिए काफी है।"

लिज़ी, केरल में पली-बढ़ी हैं और उनके पिता एक शिक्षक होने के साथ-साथ खेती से भी लगाव रखते थे। पिता से ही उन्हें सिमित जगह में ज़्यादा सब्जियां उगाने का हुनर मिला है। लिज़ी ने 1998 में बेंगलुरु में स्थायी रूप से बसने के बाद, गार्डनिंग करने की शुरुआत की। 

वह शुरुआत में मिर्च और टमाटर जैसी सब्जियां उगाती थीं, लेकिन आज उनके घर में एक से बढ़कर एक सब्जियां उगती हैं। वह हर दिन एक किलो से ज़्यादा सब्जियां हार्वेस्ट करती हैं, जो उनके परिवार के पांच सदस्यों के लिए काफी है।  

लिज़ी अपने गार्डन में क्या-क्या उगाती हैं इस सवाल के जवाब में वह कहती हैं, “यह पूछिए मैं क्या नहीं उगाती?"

पीवीसी पाइप में गार्डनिंग कर एग्ज़ॉटिक सब्जियां व फल भी उगाती हैं लिज़ी 

terrace garden of lizy john
लिज़ी का टेरेस गार्डन

लिज़ी बड़े गर्व के साथ कहती हैं कि प्याज़ और आलू के अलावा, उन्हें कुछ भी बाहर से नहीं खरीदना पड़ता। वह बताती हैं, “मैं मौसमी से लेकर विदेशी सब्जियों तक लगभग सब कुछ उगा रही हूं। हर तरह की सब्जी, मसाले और जड़ी-बूटियों के साथ-साथ, कई फलों के पेड़ भी मैंने लगाए हैं। पिछले कई सालों से हम हर दिन सीधे अपनी छत में उगी ताज़ी और ऑर्गेनिक सब्ज़ियां ही खा रहे हैं।" 

अधिकतर सब्जियां वह अपनी छत पर ऊंचे स्टैंड्स पर रखे ग्रो बैग्स में उगाती हैं। इसके अलावा, वह फल, मसाले, जड़ी-बूटियाँ और पत्तेदार साग उगाने के लिए प्लास्टिक के कंटेनर, बाल्टियाँ, ड्रम, पीवीसी पाइप और यहाँ तक कि प्लास्टिक की बोतलों का भी उपयोग करती हैं।

अपने घर में वह प्लास्टिक की पानी की बोतलों को कभी नहीं फेंकती। इसके बजाय, वह उन्हें छोटे प्लांटर्स में बदल देती हैं। जिनको वह स्ट्रॉबेरी जैसे फल उगाने के लिए इस्तेमाल करती हैं। वह पालक, धनिया जैसी पत्तेदार सब्जियां लगाने के लिए पीवीसी पाइप का उपयोग करती हैं। वह कहती हैं, “मेरे इन आईडियाज़ पर काम करने में मेरे पति जॉन मेरी हमेशा मदद करते हैं।"

terrace garden
टेरेस गार्डन में पीवीसी पाइप

खाद देने के लिए विशेष तरीका अपनाती हैं लिज़ी 

पीवीसी पाइप में गार्डनिंग करने वाली लिज़ी अपने गार्डन में घर के गीले कचरे से लेकर गाय के गोबर तक का उपयोग करके सब्जियां उगा रही हैं। पौधों को, खासकर फलों के पेड़ों को खाद देने के लिए वह एक विशेष तरीका अपनाती हैं।  

उन्होंने बताया, “इसके लिए मैं प्लास्टिक की बोतलों का उपयोग करती हूँ। मैं बोतल के निचले हिस्से को काट देती हूँ। फिर, ऊपर के मुंह को प्लांटर में मिट्टी में दबा देती हूँ और निचले कटे हुए हिस्से में, मैं रसोई का कचरा, सूखे पत्ते भरती हूँ और उसमें थोड़ा सा गुड़, छाछ या गाय का गोबर डालती हूँ। फिर नारियल के खोल का उपयोग करके बोतल के निचले भाग को बंद कर देती हूँ। बोतल के अंदर बनने वाला घोल मिट्टी में टपकता रहता है और खाद बनता है।"

इसके अलावा, कीटों को दूर रखने के लिए लिज़ी कई तरह के प्रयोग करती हैं। उनमें से एक है, येल्लो ट्रैप का उपयोग करना। उनके अनुसार, कुछ कीटों को दूर रखने में यह काफी मदद करता है। साथ ही वह बताती हैं, “मैं एक लीटर पानी में 5 मिलीलीटर नीम के तेल का उपयोग करके मिश्रण बनाती हूं और कुछ साबुन या डिटर्जेंट मिलाकर पौधों में समय-समय पर छिड़काव करती हूँ।”

सब्जियों को उगाने से पहले लिज़ी, मिट्टी को अच्छे से तैयार करती हैं। इसके लिए वह मिट्टी को गमले में भरने से पहले उसमें चूना डालकर रखती हैं। वहीं सब्जियों के बीज के चुनाव पर भी वह विशेष ध्यान रखती हैं।  

उन्होंने बताया कि वह ऑनलाइन सोशल मीडिया के ग्रुप के ज़रिए बीज खरीदती हैं।  

छत पर उगाती हैं इलाइची, हल्दी और काली मिर्च जैसी सब्जियां

lizy john with her awards for gardening

लिज़ी के टेरेस गार्डन का एक प्रमुख आकर्षण है उनका स्ट्रॉबेरी का संग्रह, जिसे उन्होंने पानी की बोतलों में या पीवीसी पाइप में गार्डनिंग कर उगाया है। स्ट्रॉबेरी के अलावा, अमरूद, अनार, आम, जामुन, अंगूर, सीताफल,  चेरी, एवोकाडो, ड्रैगन फ्रूट, संतरा, ब्लैकबेरी, शहतूत भी उनकी छत पर खूब उगते हैं। 

लिज़ी, केरल और कर्नाटक के कई टेरेस गार्डनिंग ग्रुप से जुड़ी हैं। वह गार्डनिंग के लिए कई अवॉर्ड भी जीत चुकी हैं। उन्होंने बताया, “मुझे अब तक सरोजिनी दामोदरन फाउंडेशन अवॉर्ड, हरिता केरलम अवॉर्ड, होप चैरिटेबल ट्रस्ट अवॉर्ड और मातृभूमि पुरस्कार सहित लगभग 15 पुरस्कार मिल चुके हैं। 

हर एक गार्डनिंग के शौक़ीन लोगों को वह एक ही सन्देश देती हैं, “आपको सब्जियां उगाने के लिए बहुत मेहनत और थोड़े से धैर्य की ज़रूरत होगी। अगर आप में वह है, तो आप सीमित जगह में भी अपना खाना उगा सकते हैं। एक छोटे से मिर्च के पौधे में भी जब फूल आते हैं और मिर्च उगती है, तो यह आपको एक अलग ख़ुशी और संतुष्टि देता है।"

उनकी यह सीख कई लोगों के लिए प्रेरणा बन सकती है। आशा है, आपको लिज़ी की गार्डनिंग की कहानी ज़रूर पसंद आई होगी।  

हैप्पी गार्डनिंग!

संपादन- अर्चना दुबे

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