कहते हैं कि प्रकृति के पास पेड़-पौधों की बेशुमार प्रजातियां हैं। इतनी कि सभी अपनी जरूरतों के हिसाब से इन्हें अपने घर में लगा सकते हैं। अगर आपके पास बागवानी करने के लिए समय और खुली जगह है, तो आप फल, फूल और सब्जियों का हरा-भरा गार्डन लगा सकते हैं। लेकिन, अगर आपके पास जगह की कमी है, तो आप इंडोर प्लांट्स तथा हैंगिंग प्लांट्स लगा सकते हैं। वहीं, अगर आप बहुत व्यस्त रहते हैं और पौधों की देखभाल के लिए, हर दिन समय नहीं निकाल सकते हैं, तो आप सक्यूलेंट पौधे लगा सकते हैं।
पहली बार बागवानी करने वाले या बहुत ज्यादा व्यस्त रहने वाले लोगों को गार्डनिंग के लिए सक्यूलेंट पौधे लगाने की सलाह दी जाती है। क्योंकि, इन पौधों की देखभाल और रखरखाव करना बहुत ही आसान है। पिछले सात सालों से बागवानी कर रही प्रिया अग्रवाल कहती हैं, “सक्यूलेंट ऐसे पौधे होते हैं, जिनकी पत्तियों, तनों और जड़ों में पानी और खाना स्टोर होता है। ये पौधे अपने भीतर स्टोर पानी और खाने का इस्तेमाल तब करते हैं, जब उन्हें खाना या पानी नहीं मिलता है। साथ ही, ये पौधे हर तरह के तापमान में जीवित रह सकते हैं।”
बागवानी के लिए अपनी माँ को प्रेरणा मानने वाली प्रिया ने अपने बगीचे में 100 से ज्यादा पेड़-पौधे लगाए हैं, जिनमें कई किस्म के सक्युलेंट भी शामिल हैं। इनकी देखभाल के लिए, उन्होंने कभी माली या कोई बाहरी व्यक्ति नहीं रखा, बल्कि पौधों की देखरेख वह खुद करती हैं। बागवानी से जुड़ी महत्वपूर्ण और दिलचस्प जानकारियां साझा करने के लिए, प्रिया अपनी माँ के साथ मिलकर, हंगरी वैकेशन नाम से एक यूट्यूब चैनल भी चला रही हैं।
सक्यूलेंटस में एलोवेरा (Aloe Vera), जेड प्लांट (Jade Plant), बूरोज़ टेल (Burro’s Tail), एचेवेरिया एलिगेंस (Echeveria Elegance), क्रिसमस कैक्टस (Christmas Cactus), हेंस ऐंड चिक्स (Hens and Chicks), पांडा प्लांट (Panda Plant), ज़ेब्रा प्लांट (Zebra Plant), बैरल कैक्टस (Barrel Cactus), स्नेक प्लांट (Snake Plant) जैसे पौधे शामिल हैं। सक्यूलेंट पौधों की कुछ प्रजातियां, सजावटी पौधों के तौर पर उपयोग में आती हैं, तो कुछ घर की हवा को शुद्ध करने में सहायक होती हैं।
अगर आप सक्यूलेंट लगाना चाहते हैं, तो शुरुआत में कुछ पौधे नर्सरी से खरीदकर ला सकते हैं। फिर इन्हीं पौधों की कटिंग से, नए पौधे तैयार कर सकते हैं और अपने गार्डन में, सक्यूलेंट की संख्या बढ़ा सकते हैं। प्रिया कहती हैं कि जितना आसान सक्यूलेंट पौधों की देखभाल करना है, उतना ही आसान इन्हें कटिंग से लगाना होता है।
इस तरह से लगा सकते हैं सक्यूलेंट पौधे:
पत्तियों से:
प्रिया कहती हैं कि बहुत से सक्यूलेंट पौधों को आप पत्तियों से भी लगा सकते हैं। कई बार सक्यूलेंट पौधों को ‘रीपॉट’ करते समय, नीचे से इनकी कई पत्तियां टूट जाती हैं। जिनसे आप नए सक्यूलेंट पौधे बना सकते हैं। इसके अलावा, आप चाहें तो सक्यूलेंट पौधों के निचले हिस्से से कुछ पत्तियां ले सकते हैं। पौधे में नीचे की तरफ की पत्तियां, स्वस्थ और मजबूत होती हैं। इन्हें आप हाथ से, जरा सा ट्विस्ट करके तोड़ सकते हैं। अगर आप चाहें, तो इन पत्तियों को तोड़ने के बाद दो-तीन दिन के लिए धूप में सुखा सकते हैं। क्योंकि, कई बार तोड़ने के बाद पत्तियों को सीधा लगाने से ये खराब हो जाती हैं।
- पत्तियों को लगाने के लिए, आपको ऐसा कंटेनर लेना होगा, जिसके तले में छेद हो और ऊपर से यह चौड़ा होना चाहिए।
- पॉटिंग मिक्स के लिए, आप सिर्फ कोकोपीट ले सकते हैं। अगर आप चाहें, तो कोकोपीट में वर्मीकंपोस्ट या रेत मिला सकते हैं।
- कंटेनर में पॉटिंग मिक्स भरने से पहले, छेद पर आप कोई पत्थर रख सकते हैं।
- पॉटिंग मिक्स भरने के बाद, आप पत्तियों को इसके ऊपर रख दें, जैसा कि तस्वीर में दिखाया गया है।

- इसके ऊपर से थोड़ा सा पानी स्प्रे कर दें।
- कंटेनर को ऐसी जगह रखें, जहां सीधी धूप न पड़े, लेकिन रोशनी अच्छी आती हो।
- पानी देते समय भी आपको ध्यान रखना है कि पानी बहुत ज्यादा न हो, क्योंकि ज्यादा पानी से पत्तियां गल जाएँगी।
प्रिया कहती हैं कि पत्तियों में जड़ विकसित होने में 15 दिन से एक महीने तक का समय लग सकता है। इसलिए, आप धीरज रखें और पत्तियों को बिल्कुल न हिलाएं। हो सकता है कि जितनी पत्तियां आपने उगाने के लिए रखी हैं, उनमें से कुछ खराब हो जाएं। लेकिन, इससे आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि हर एक पत्ती में जड़ नहीं पनपती है। जिन पत्तियों में जड़ें आती हैं, उनमें आपको लगभग एक महीने में अच्छा विकास दिखने लगेगा। इन्हें कुछ समय बाद, आप अलग-अलग गमलों में लगा सकते हैं।
कटिंग से:
पत्तियों के अलावा, कुछ सक्यूलेंट पौधों को कटिंग से भी लगाया जा सकता है। ऐसे सक्यूलेंट पौधे, जिनमें तना होता है और जिनकी शाखाएं निकलती हैं। जैसे- बूरोज़ टेल को आप कटिंग से लगा सकते हैं। इसके लिए आप पौधों से, ब्लेड की मदद से दो-तीन कटिंग ले लीजिये। फिर, इन्हें दो-तीन दिन के लिए धूप में सुखा दीजिये।
- अब एक ऐसा गमला लें, जिसके तले में छेद हो। इस छेद पर आप कोई पत्थर रख सकते हैं।
- इस गमले में आप पॉटिंग मिक्स (कोकोपीट+रेत+खाद) भर लें।
- कटिंग को पॉटिंग मिक्स में लगाने से पहले, आप इसके नीचे की तरफ से सभी पत्तियां हटा दें।

- अब कटिंग को पॉटिंग मिक्स में लगाएं और गमले में थोड़ा-थोड़ा पानी डालें।
- ध्यान रहे कि पानी जरूरत के हिसाब से ही दें।
- गमले को ऐसी जगह रखें, जहां इस पर सीधी धूप न पड़े, लेकिन रोशनी पूरी मिले।
- लगभग तीन हफ्तों में कटिंग विकसित होने लगती हैं।
- जब आपको कटिंग में ऊपर की तरफ नयी पत्तियां बनती दिखें, तो इसका मतलब है कि नीचे की तरफ जड़ें भी विकसित हो गयी हैं।
- इसके बाद, आप इस पौधे को दूसरे गमले में लगा सकते हैं।
पानी में भी उगा सकते हैं सक्यूलेंट:
प्रिया कहती हैं कि पानी में सक्यूलेंट को लगाना आसान नहीं है। क्योंकि, सक्यूलेंट को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है। इसलिए, पत्तियों और कटिंग के खराब होने की संभावना अधिक रहती है। लेकिन, फिर भी अगर आप एक कोशिश करना चाहें, तो कर सकते हैं।
- इसके लिए आप किसी कांच के ग्लास में पानी भर लें। ध्यान रहे कि ग्लास पानी से पूरा न भरा हो, यह ऊपर से एक इंच खाली रहे।
- अब आप ग्लास के ऊपर एक ट्रांसपेरेंट या पारदर्शी पॉलीथीन लगाएं और इसे किसी रबर की मदद से बाँध दें।
- अब इस पॉलिथीन में कुछ छेद कर लें।

- इन छेदों में आप पत्तियों को लगा सकते हैं। लेकिन, पत्तियों को लगाते समय ध्यान रखें कि ये पानी को न छुएं। पत्तियां आधी ग्लास के अंदर और आधी ग्लास के बाहर रहनी चाहिए।
- इस ग्लास को आप किसी छांव वाली जगह पर रखें, जहां सीधी धूप न पड़े और रोशनी पूरी मिले।
- लगभग दो हफ्तों में, आप देखेंगे कि कुछ पत्तियों में जड़ें बनना शुरू हो गयी हैं और आप इन पत्तियों को गमलों में लगा सकते हैं।
प्रिया अंत में कहती हैं कि सक्यूलेंट को बहुत अधिक तापमान और बहुत कम तापमान वाले महीनों को छोड़कर, दूसरे किसी भी महीने में लगाया जा सकता है। हालांकि, मानसून का मौसम इन्हें लगाने के लिए सबसे अच्छा होता है। इसलिए, अगर कोई अपने सक्यूलेंट पौधों को कटिंग से लगाना चाहता है, तो इस मौसम में शुरुआत कर सकता है।
प्रिया का एक वीडियो आप यहां देख सकते हैं।
संपादन – प्रीति महावर
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