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ठंड के मौसम में गार्डनर्स, ढेरों फूल और सीज़नल सब्जियों के साथ कुछ फल के पौधे भी उगाते हैं। इस मौसम में खाए जाने वाले कुछ विंटर फ्रूट्स की किस्में, हम बीज और मदर प्लांट के ज़रिए उगा सकते हैं।
सूरत की दीप्ती पटेल को अपने गार्डन में उगे ताज़ा फल खाने पसंद हैं। इसलिए वह हमेशा कुछ नए-नए फलों की किस्मों को अपने गार्डन में शामिल करती रहती हैं।
द बेटर इंडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि इस मौसम में अमरूद की कई किस्में बाज़ार में मिलती हैं। साथ ही, अमरूद की हाइब्रिड किस्मों के पौधे भी इस मौसम में आराम से मिल जाते हैं, जिन्हें लगाया जा सकता है। वहीं चेरी, स्ट्रॉबेरी और पपीता भी आराम से उगाए जा सकते हैं। चलिए दीप्ती से जानते हैं, इन पौधों को उगाने का तरीका।
सर्दियों में उगाएं ये पौधे
1. विंटर फ्रूट्स में से एक है अमरूद, जिसे नंवबर में उगा सकते हैं आप
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आज-कल बाज़ार में देसी के साथ-साथ हाइब्रिड जैसी कई किस्मों के अमरूद मिलते हैं। दीप्ती का कहना है कि हाइब्रिड किस्म के पौधे जल्दी फल देने लगते हैं।
कैसे उगाएं अमरूद का पौधा?
अमरूद का पौधा उगाने के लिए जिस मिट्टी को गमले में डालना है, उसे कम से कम 1 दिन के लिए धूप में ज़रूर रखना चाहिए। इस तरह मिट्टी मुलायम हो जाती है और अमरूद का पौधा अच्छा उगता है। जब मिट्टी तैयार हो जाए, तो उसे गमले में डाल दीजिए। अब बीज को लगभग 2 से 3 इंच मिट्टी के अंदर डाल दें, फिर ऊपर से थोड़ी मिट्टी रख दें।
आप चाहें, तो अमरूद को 2 से 3 भाग में काटकर बीज की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। मिट्टी डालने के बाद थोड़ी खाद भी डालें।
ध्यान दें कि बारिश के मौसम में अमरूद के पौधे में ज़्यादा पानी न भर पाए। जब 2 से 3 महीने में बीज पौधे के रूप में तैयार हो जाए, तब समय-समय पर नीम जैसे कीटनाशक का छिड़काव करते रहें।
जब आपको लगे कि पौधा बड़ा हो रहा है, तब गमले में लकड़ी लगा दें। इससे पौधा लकड़ी के सहारे ऊपर की तरफ बढ़ जाएगा। इस तरह आठ से नौ महीने के बाद पौधे में अमरूद आने लगेंगे।
2. स्ट्रॉबेरी
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सर्दियों में यह फल आसानी से और जल्दी उग जाता है। इसे आप हैंगिंग गमले या खिड़की पर रखे छोटे से गमले में भी उगा सकते हैं। स्ट्रॉबेरी का पौधा आपके पास की किसी भी नर्सरी में 20 से 30 रुपये में आराम से मिल जाएगा।
पौधा ख़रीदते समय चेक कर लें कि उसकी सारी पत्तियां हरी हों और जड़ भी अच्छी हो। इसे लगाने के लिए आकार में थोड़े चौड़े गमले अच्छे होते हैं। तक़रीबन 12 इंच की चौड़ाई वाले गमले बिल्कुल सही होंगे। गमले में छेद यानी ड्रेनेज होल होना ज़रुरी है।
पॉटिंग मिक्स के लिए 50% गोबर की खाद, 50% कोकोपीट और 2 मुट्ठी नीम की खली का इस्तेमाल करें। ध्यान रखें कि नीम की खली ज़रूर मिलाएं, यह पौधे को फंगस से बचाता है। वहीं, अगर आपके पास कोकोपीट नहीं है, तो आप सामान्य मिट्टी का इस्तेमाल भी कर सकते हैं, लेकिन मिट्टी बिल्कुल भुरभुरी होनी चाहिए।
अगर नहीं है, तो आप मिट्टी में थोड़ी रेत मिलाकर इसे भुरभुरा बना सकते हैं।
कैसे लगाएं विंटर फ्रूट्स में से एक, स्ट्रॉबेरी का पौधा?
सबसे पहले आप गमले के छेद के ऊपर मिट्टी का टुकड़ा रखकर उसे बंद कर दें; फिर छोटे-छोटे पत्थरों की एक परत बनाएं। अब गमले में तकरीबन दो इंच तक पॉटिंग मिक्स डालें।
फिर नर्सरी से लाए हुए पौधे को गमले के बिल्कुल बीच में सावधानी से रखें। स्ट्रॉबेरी के पौधे को ज़्यादा पानी की ज़रूरत नहीं होती है, इसलिए थोड़ा-थोड़ा ही पानी डालें।
कुछ दिनों तक इसे तेज़ धूप से बचाकर रखें। एक बार जब पौधे की जड़ मिट्टी के साथ पकड़ बना ले, फिर आप इसे सामान्य धूप में रख सकते हैं। पौधा लगाने के बाद उसकी लगातार निगरानी करना ज़रूरी है।
कुछ बातों का ख्याल रखें, जैसे पौधे की जड़ के पास पानी जमा न रहे और देखें कि कहीं फंगस तो नहीं लग रहा।
इस पौधे में मिलीबग्स लगने का डर रहता है। ये सफ़ेद रंग के छोटे कीट होते हैं। कीट लगने पर इसमें चावल के पानी का छिड़काव करें। सही देखभाल की जाए, तो दो महीने में यह पौधा पुदीने के पौधे की तरह पूरे गमले में फ़ैल जाएगा और इसमें फूल भी निकल आएंगे।
3. चेरी
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सर्दियों के मौसम में अलग-अलग तरह की चेरी मिलती हैं। ऐसे में इसके बीज से आप घर पर यह फल उगा भी सकते हैं। विंटर फ्रूट्स में से एक चेरी को आप नर्सरी से लाए पौधे से भी उगा सकते हैं। लेकिन अगर आप घर पर चेरी खाने के बाद, इसके बीज फेंकना नहीं चाहते, तो इसे पौधा उगाने के लिए इस्तेमाल करें।
चलिए जानें बीज से इसे उगाने का तरीका-
सबसे पहले आप फ्रेश पकी हुई लाल चेरी से उसके बीज अलग कर दें। असल में ये बीज, चेरी के असली बीज नहीं हैं। इन बीजों को किसी मज़बूत चीज़ से तोड़कर अंदर से बीज निकाल लें।
अब इन्हें 24 घंटे तक पानी में डुबाकर रखें। पॉटिंग मिक्स के लिए, 50 प्रतिशत वर्मीकम्पोस्ट और 50 प्रतिशत कोकोपीट मिलाकर सीडलिंग ट्रे में भरें और बीज लगा दें। करीबन 15 दिनों में पौधा बढ़ने लगेगा।
अब चार-पांच पत्ते आने के बाद इसे बड़े, 12 इंच के गमले में लगा दें और इस पौधे को समय-समय पर खाद देते रहें। इस तरह लगभग दो से तीन साल बाद यह पौधा अच्छे फल देने लगेगा।
वहीं अगर आप बाज़ार से ग्राफ्टेड पौधा लाकर लगाते हैं, तो यह उसी साल फल दे सकता है।
4. पपीता
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दीप्ती कहती हैं कि विंटर फ्रूट्स की लिस्ट में शामिल पपीते के पौधे आप किसी भी मौसम उगा सकते हैं। इसके लिए आप कोकोपीट, समान्य मिट्टी, कम्पोस्ट (वर्मीकम्पोस्ट, होम कम्पोस्ट) और गोबर की खाद, इन चारों को बराबर मात्रा में मिलाकर मिट्टी तैयार कर सकते हैं।
मिट्टी को हल्का और भुरभुरा रखना ज़रूरी है, ताकि पानी का जमाव ना हो पाए। याद रखें कि अगर मिट्टी में पानी जमा होता है, तो पौधा मर भी सकता है।
पपीते के फल में कई बीज होते हैं। लेकिन कौन सा बीज सही है, यह देखना बेहद ज़रूरी है। इसके लिए आप सभी बीजों को पानी में डालें, जो बीज सतह पर बैठ जाए, उसका इस्तेमाल करें। आप बीज को सुखाकर भी उपयोग में ला सकते हैं या सीधे गीले बीजों से पौधा तैयार कर सकते हैं।
कैसे लगाएं पौधा?
सबसे पहले पपीते से सही बीज का चुनाव कर लें। पॉटिंग मिक्स तैयार करें और एक छोटे कंटेनर या सैपलिंग ट्रे में थोड़ी-थोड़ी दूरी पर सभी बीजों को लगा दें।
ऊपर से थोड़ी मिट्टी डालकर पानी का छिड़काव कर दें।
लगभग 10 दिनों में इसके छोटे-छोटे पौधे तैयार हो जाएंगे, लेकिन चार से पांच पत्ते आ जाने के बाद ही आप इसे बड़े गमले में शिफ्ट कर सकते हैं। एक गमले में एक ही पौधा लगाएं।
आप जिस भी कंटेनर या ग्रो बैग का इस्तेमाल कर रहे हैं, उसमें ड्रेनेज की अच्छी व्यवस्था हो, इसका ख़ास ध्यान रखें।
गमले को ऐसी जगह रखें, जहाँ सूरज की अच्छी रोशनी आती हो। एक-एक दिन छोड़कर पानी देते रहें। हर महीने इसमें थोड़ी-थोड़ी गोबर की खाद मिलाते रहें। साथ ही, जब इसमें फल आने का समय हो, तब भी कम्पोस्ट मिलाएं।
करीबन सात से आठ महीने में इसमें अच्छे फल आने लगेंगे।
तो इस ठंड के मौसम में अच्छे-अच्छे फलों का स्वाद लेने के साथ-साथ इन्हें अपने गार्डन में उगाएं भी।
हैप्पी गार्डनिंग!
संपादन- भावना श्रीवास्तव
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