अक्सर खेती-बाड़ी करना या फिर गार्डनिंग करना युवाओं को मेहनत का काम लगता है। यही कारण है कि अब किसान परिवार के बच्चे भी खेती की तरफ नहीं मुड़ना चाहते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे नौजवान की कहानी बताने वाले हैं, जिसने पेड़-पौधों से अपने लगाव को ही अपना बिजनेस बना लिया है। यूट्यूब पर जहां वह गार्डनिंग (Gardening Youtuber) के बारे में लोगों को जानकारी देते हैं, वहीं इंस्टाग्राम के जरिए बागवानी से जुड़ी चीजें बेचते भी हैं।
यह कहानी उत्तराखंड के रुड़की के रहनेवाले 20 वर्षीय प्रियांश गोयल की है। प्रियांश ने शौक़ के लिए अपने फ़ोन से वीडियो बनाना शुरू किया था। लेकिन आज वह न केवल यूट्यूब बल्कि फेसबुक और इंस्टाग्राम के जरिए हर महीने 60 से 70 हजार रुपये कमा रहे हैं।
प्रियांश के पिता की इलेक्ट्रॉनिक और स्टेशनरी की दुकान है। बचपन में वह कभी-कभी पिता की मदद के लिए दुकान पर जाया करते थे। प्रियांश ने बताया कि जब वह आठवीं में थे, तब उन्हें पहली बार फ़ोन मिला था।
उन दिनों को याद करते हुए प्रियांश (Gardening Youtuber) कहते हैं, “फ़ोन मिलने के बाद, सबसे पहले मैंने इंटरनेट पर सर्च किया था कि ऑनलाइन पैसे कैसे कमाए जाते हैं? उस समय यूट्यूबर बनने का चलन ज्यादा नहीं था। लेकिन मुझे वीडियो बनाना पसंद था, इसलिए मैंने वीडियो बनाना शुरू किया।”
यूट्यूब को बनाया कमाई का जरिया
पहले उनके घर की छत पर तकरीबन 10 पौधे लगे थे, जिसके साथ उन्होंने वीडियो बनाना शुरू किया। हालांकि उस समय उनके पास गार्डनिंग की ज्यादा जानकारी नहीं थी। लेकिन एक छोटे बच्चे को गार्डनिंग करते देखना, लोगों को खूब पसंद आया और जल्द ही उनके 30 हजार से ज्यादा सब्सक्राइबर बन गए। लेकिन उनका वह अकाउंट कुछ कारणों से बंद हो गया, जिसके बाद उन्होंने वीडियो बनाना कम कर दिया और पढ़ाई पर ध्यान देना शुरू कर दिया।
लेकिन 10वीं की परीक्षा के बाद, जब उनके पास खाली समय था तब एक बार फिर उन्होंने एक नया यूट्यूब चैनल शुरू किया। आज उनके चैनल के चार लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं। गार्डनिंग करना उनको इतना पसंद आया कि अब उनकी छत पर 300 से अधिक पौधे हैं।
10वीं के बाद प्रियांश (Gardening Youtuber) ने विज्ञान से 12वीं की पढ़ाई पूरी की। बारहवीं के बाद उनके परिवारवाले उनका एडमिशन, पॉलिटेक्निकल कॉलेज में कराना चाहते थे। उन्होंने रजिस्ट्रेशन भी करा लिया था, लेकिन प्रियांश को गार्डनिंग और खेती में ज्यादा रूचि थी। इसलिए उन्होंने एग्रीकल्चर में ग्रेजुएशन करने का फैसला किया।
प्रियांश (Gardening Youtuber) ने बताया कि उनका मन सबसे अधिक गार्डनिंग में ही लगता है। वह कहते हैं, “मैंने घर की हर पुरानी बाल्टी और डिब्बे का इस्तेमाल करके पौधे उगाना शुरू किया। मेरे दादाजी और पिता को भी गार्डनिंग पसंद थी, इसलिए उन्होंने मुझे प्रोत्साहन दिया। उन्हें भी मेरे वीडियो काफी पसंद आते थे।”
लॉकडाउन में बढ़ने लगा काम
इन दिनों प्रियांश देहरादून में रहकर बीएससी एग्रीकल्चर की पढ़ाई कर रहे हैं। चूंकि यहां उनके पास खुद के पौधे नहीं है, इसलिए वह अलग-अलग नर्सरी, फार्म और फ़र्टिलाइज़र की फैक्ट्री में जाकर वीडियो बनाते हैं। ‘अमेजिंग गार्डनिंग’ नाम के अपने यूट्यूब चैनल पर वह घर पर पौधे लगाना, खाद तैयार करना और पौधों के देखभाल से जुड़ी बातें बताते हैं।
लॉकडाउन के दौरान, यूट्यूब के माध्यम से उन्हें कई फ़र्टिलाइज़र कंपनी और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स की तरफ से पेड प्रमोशन का काम करने का मौका मिला। साल 2020 में दिवाली के दौरान, उन्हें फेसबुक से कॉल आया, जिसमें उन्हें फेसबुक पर कंटेंट बनाने का ऑफर आया। उन्होंने बताया, “फेसबुक का वह छह महीने का कैम्पेन था, जिसमें मेरे जैसे कई यूट्यूबर कंटेंट बनाने का काम कर रहे थे, जिसके बदले हमें फेसबुक से पैसे भी मिलते थे।”
उसी दौरान, प्रियांश (Gardening Youtuber) ने अपना एक फेसबुक पेज बनाकर वीडियो अपलोड करना शुरू किया। अब फेसबुक पेज पर उनके एक लाख से ज्यादा फॉलोवर्स हैं। प्रियांश, अगस्त 2021 से गार्डनिंग से जुड़ी चीजों की भी बिक्री करने लगे हैं। इसके लिए वह इंस्टाग्राम का सहारा लेते हैं।
वह कहते हैं, “मैं जिस नर्सरी और फैक्ट्री में जाता था, वहां के प्रोडक्ट्स के बारे में लोग मुझसे पूछते रहते थे। तभी मुझे इस बिज़नेस का ख्याल आया। मैंने इंस्टाग्राम के जरिए गार्डनिंग प्रोडक्ट्स की बिक्री करना शुरू किया। इसके साथ-साथ देहरादून के लोकल हेंडीक्राफ्ट प्रोडक्ट्स भी इंस्टाग्राम के जरिए बेच रहा हूं। मैं मुख्य रूप से नारियल फाइबर से बने पॉट और घोंसले बेचता हूं।”
भविष्य में करना चाहते हैं किसानी
पढ़ाई ख़त्म करने के बाद, प्रियांश (Gardening Youtuber) खेती से जुड़ना चाहते हैं। उनका कहना है, “मुझे बागवानी से खास लगाव है। मैं अपना भविष्य खेती में देख रहा हूं। जबसे मैंने यूट्यूब पर पेड़-पौधों की बात शुरू की है, तब से मैं देख रहा हूं कि लोग पेड़-पौधों के बारे में बहुत कुछ जानना चाहते हैं। मेरे जैसे कई युवा भी इससे जुड़ना चाहते हैं। इसलिए मैं भविष्य में खेती से जुड़कर ही काम करना चाहता हूं।”
अगर आप भी गार्डनिंग से जुड़ी चीजों के बारे में प्रियांश से संपर्क करना चाहते हैं, तो यहां क्लिक करें।
संपादन- जी एन झा
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