जिस तरह शबरी के बेर खाकर भगवान् श्री राम ने बरसो पुरानी रुढ़िवादी परंपरा को मिटाया था, ठीक उसी तरह बिहार के एक मजिस्ट्रेट ने अंधविश्वास मिटाने के लिए एक विधवा के हाथो का बना खाना खाया और लोगो के सामने एक मिसाल खड़ी की।
सुनीता कंवर उन छः रसोईयों में से एक है, जो कल्यानपुर, बिहार के सरकारी स्कूल में ७०० बच्चो के लिए मिड-डे-मील पकाती है। पर पिछले २१ महीनो से अपनी नौकरी बचाए रखने के लिए उन्हें कडा संघर्ष करना पड़ रहा है। कारण – क्यूंकि वे एक विधवा है।
“हम एक विधवा के हाथो अपने बच्चो का खाना नहीं बनवा सकते। ये अपशगुन होता है।“ – The Telegraph के मुताबिक कल्यानपुर के एक गांववाले का ये कहना था।
सुनीता के खिलाफ गांववालों के इस विरोध के बारे में सबसे पहले डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (डीएम्) राहुल कुमार ने ट्वीट किया।
Some misled villagers opposed a widow cook and threatened to withdraw their Children from school after she was rightfully reinstated.
— Rahul Kumar (@rahulias6) December 18, 2015
इसके बाद एक दिन, इस बेतुके अंधविश्वास को मिटाने के लिए राहुल कुमार स्वयं सरकारी स्कूल गए और वहां के बच्चो के साथ सुनीता देवी के हाथो से बनाया हुआ खाना खाया।
Sometimes u do symbolic things to overcome people's beliefs. Asked the same widow cook to serve me the meal. pic.twitter.com/SoHXueqqRv
— Rahul Kumar (@rahulias6) December 18, 2015
विवाह के तीन वर्ष के भीतर ही सुनीता देवी के पति की मृत्यु हो गयी थी। कम उम्र में ही विधवा होने की वजह से उन्हें तरह तरह की मुश्किलों का सामना करना पडा था। ऐसे में डीएम से मिली मदद से उन्हें अब जीने की नयी राह मिली है।
सुनीता देवी को भविष्य में भी किसी मुश्किल का सामना न करना पड़े इसके लिए डीएम् राहुल कुमार ने ये सुचना भी जारी की, कि सुनीता देवी को धमकाने या डराने वालो के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही की जायेगी क्यूंकि इस तरह के भेदभाव की हमारे संविधान में कोई जगह नहीं है।
इस घटना से पहले परेशान सुनीता देवी ने, पंचायत, सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल तथा ब्लाक मिड डे मील के संस्थापक से भी मदद की गुहार लगाई थी। पर गाँव वालो के विरोध के आगे उन सभी ने अपने हाथ खड़े कर दिए थे। जब कोई और रास्ता नहीं बचा तब सुनीता देवी ने डीएम राहुल कुमार से मदद मांगी जो उन्हें मिली भी।
“हम आज बहुत खुश हैं” – मुस्कुराते हुए सुनीता देवी ने कहा !
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