महाराष्ट्र में ठाणे की रहने वाली गार्डनिंग एक्सपर्ट, 37 वर्षीया एनेट मैथ्यू बता रही हैं कि आप छुट्टियों के दौरान, घर से दूर रहकर भी पौधों को पानी देने के साथ-साथ, उनकी देखभाल भी कर सकते हैं। पढ़िए ये लेख!
Bihar में समस्तीपुर जिले के रोसड़ा प्रखंड/ब्लॉक में ढरहा गाँव के रहने वाले राजेश कुमार सुमन पिछले 11 सालों से गरीब बच्चों को मुफ़्त में सरकारी नौकरियों की तैयारी करवा रहे है। उनके यहाँ पढ़ने आने वाले सभी बच्चों को सबसे पहले 18 पौधे लगाने होते हैं और फिर वे 3-4 साल तक पौधों की देखभाल करने का संकल्प करते हैं।
महाराष्ट्र के मुंबई में, 'ग्रीन यात्रा' नामक एनजीओ पूरे शहर भर में एक ख़ास जापानी 'मियावाकी तकनीक' से कम समय में घने जंगल उगा रहा है। इनका मिशन, साल 2025 तक 10 करोड़ पेड़ लगाना है और फ़िलहाल, साल 2019 में उन्होंने 10 लाख पेड़ लगाने की पहल शुरू की है |
महाराष्ट्र के पुणे में खेड़ा तालुका के रंमाला गाँव में एक किसान, निलेश शिवाजी शिंदे ने बेजुबान जंगली जानवरों के लिए एक पहल की शुरुआत की है। उन्होंने उनके लिए पानी के टैंक बनाये जहाँ हर दो दिन में पानी भरा जाता है ताकि इन जानवरों की प्यास बुझ सके।
वह १६ वर्ष का था जब असम में बाढ़ ने तबाही मचाई थी| पयंग ने देखा कि जंगल और नदी किनारों के इलाकों में आने वाले प्रवासी पक्षियों कि गिनती धीरे धीरे कम हो रही है, घर के आसपास दिखने वाले सांप भी गायब हो रहे हैं| इस कारण वह बेचैन हो उठा|