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सैनिक पिता को श्रद्धांजलि : भारतीय सेना की कुछ असाधारण और अविश्वसनीय तस्वीरें!

By निशा डागर

एक ट्रेवल फोटोग्राफर और एक आर्मी अफ़सर के बेटे अर्जुन मेनन ने अपने पिता के सम्मान में भारतीय सेना पर आधारित एक फोटो-सीरीज़, 'द एक्स्ट्राऑर्डिनरी' बनाई है। उन्होंने अपनी तस्वीरों के माध्यम से आर्मी के अनछुए पहलुओं को आम नागरिकों के सामने रखा है।

लांस नायक अल्बर्ट एक्का: जिन्होंने जान देकर भी पाकिस्तानी सेना को अगरतला में कदम नहीं रखने दिया!

By निशा डागर

लांस नायक अल्बर्ट एक्का का जन्म 27 दिसम्बर, 1942 को झारखंड के गुमला जिला के डुमरी ब्लाक के जरी गांव में हुआ था। साल 1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान उनके साहस और बलिदान के चलते ही आज अगरतला भारत का हिस्सा है और भारतीय सेना बांग्लादेश को आज़ादी दिलवा पाई।

शहीद मेजर अक्षय की 5 साल की बेटी को ट्विटर पर मिली देश भर से शुभकामनायें!

By निशा डागर

हाल ही में, आर्टिस्ट हुतांश वर्मा ने दो साल पहले जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए मेजर अक्षय गिरीश की बेटी नैना अक्षय की एक प्यारी-सी तस्वीर साँझा करते हुए उसे जन्मदिन की बधाई दी। इसके बाद बहुत से लोगों ने तवीत को शेयर किया और नैना को बधाई देते हुए उसे ढेरों शुभकामनायें दी। यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

भारतीय सेना अब खुद बनाएगी अपने कपड़े व उपकरण, होगी 300 करोड़ रूपये की सालाना बचत!

By निशा डागर

देश की सेना के लिए अत्यधिक ठण्ड के मौसम में पहनने वाले कपड़ों पर अभी 800 करोड़ रूपये प्रति सालाना खर्च होता है। इस राशि को कम करने और 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देने के लिए, भारतीय सेना सियाचिन ग्लेशियर में तैनात अपने सैनिकों के लिए विशेष कपड़ें बनाने के लिए एक लंबे समय से चल रही परियोजना को अंतिम रूप दे रही है। 

परमवीर चक्र से सम्मानित कारगिल के ये दो जांबाज़ आज भी कर रहे है देश की सेवा!

By निशा डागर

सूबेदार योगेंद्र यादव और नायब सुबेदार संजय कुमार ने साल 1999 के कारगिल युद्ध के बाद परमवीर चक्र से सम्मानित होने वाले वे अफसर यहीं जो आज भी सेना में सेवारत हैं। यादव उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं और कुमार हिमाचल प्रदेश से।

पुणे के प्रकाश केलकर, किसानो और सैनिकों को दे रहे है अपने जीवन भर की पूँजी!

By मानबी कटोच

पुणे के प्रकाश केलकर, जो एक कपड़ा व्यवसायी रह चुके है किसानो और सैनिकों अपने जीवन भर की पूँजी दान कर रहे है. उनके इस कार्य में उनकी पत्नी भी साथ दे रही है.

अपनी सूझ-बूझ से शिमला की एक गृहणी ने बचाई असम रायफल्स के एक घायल जवान की जान !

अपनी सूझबूझ और तत्परता से शिमला की एक महिला, वीणा शर्मा ने असम रायफल्स के एक जवान,मुकेश को मौत के मुँह में जाने से बचाया.