MBA की डिग्री कर चुके, सत्यदेव गौतम, जब हरियाणा के पलवल जिले के भिडूकी गाँव के सरपंच बने, तब उन्होंने गाँव में बारिश के पानी को बचाने की मुहीम छेड़ी और आज यह गाँव हर साल 25 लाख लीटर बारिश का पानी बचाता है। जानिये कैसे कर दिखाया गाँववालों ने यह कमाल।
शशि रायगढ़ के डोंगीपानी गांव में प्राइमरी स्कूल के शिक्षक हैं। उन्होंने स्कूल के बच्चों को अंग्रेजी बोलना, लिखना और पढ़ना सिखाया है और आज स्कूल के बच्चे फर्राटेदार अंग्रेजी में बात करते है।
उत्तर-प्रदेश के वाराणसी में युवाओं का एक संगठन ईंट के भट्ठों पर मजदूरी करने वाले बच्चों के जीवन को सँवारने की मुहीम चला रहा है। संगठन का नाम है 'मानव संसाधन एवं महिला विकास संगठन' और इसकी शुरुआत की है डॉ. भानुजा शरण लाल ने। इनके प्रयासों से आज लगभग 1000 बच्चों का स्कूल में दाखिला हो चूका है।
आप उत्तर-प्रदेश के बहराइच जिले के बेगमपुर सरकारी प्राथमिक स्कूल में आप जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) माला श्रीवास्तव को बच्चों को पढ़ाते हुए पायेंगें। उन्होंने जिले में 'विद्या दान, एक आदर्श दान' जैसी पहल भी की है।इस पहल से पिछले महीने में लगभग 700 लोग जुड़े हैं।
कर्नाटक के चामराजनगर जिले के होंगहल्ली गांव में सरकारी प्राथमिक स्कूल के हेडमास्टर बी महादेश्वर स्वामी का दिन साफ़- सफाई से शुरू होता है। स्कूल के शौचालय से लेकर कक्षाओं तक सफाई हेडमास्टर साहब खुद करते हैं। उनके प्रयासों से स्कूल में काफी बदलाव आया है।
राजस्थान के एक सरकारी स्कूल के एक दिव्यांग शिक्षक संजय सेन की अपने छात्रों के पढ़ाते हुए एक तस्वीर ट्विटर पर वायरल हो रही है। संजय सेन साल 2009 से शिक्षा संबल परियोजना के तहत राज्य के सरकारी स्कूल में काम कर रहे हैं।
मैंगलुरु के मितूर का उच्च प्राथमिक सरकारी स्कूल सुविधाओं के मामले में आज निजी स्कूलों की बराबरी कर रहा है। स्कूल में पड़ी बंजर भूमि को एक फार्म में तब्दील कर उससे होने वाली कमाई का इस्तेमाल स्कूल के विकास के लिए किया जा रहा है। कर्नाटक का यह स्कूल लगभग 108 साल पुराना है।
सीबीएससी का परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री ने सरकारी स्कूलों के बेहतर प्रदर्शन पर ख़ुशी जताई। इसके अलावा उन्होंने तीनों विषयों में सभी सरकारी स्कूलों में अव्वल रहे छात्रों को बधाई भी दी।