IAS डॉ. लक्ष्मी प्रिया एम एस के निर्देशन में असम के बोंगाईगांव जिले में, पर्यावरण के अनुकूल कई योजनाओं पर काम किया जा रहा है, जैसे- सौर स्ट्रीट लाइट लगाना, कचरे का प्रबंधन आदि। इसके साथ ही, उन्होंने 8000 बेकार प्लास्टिक की बोतलों से, एक सार्वजनिक शौचालय का निर्माण भी कराया है।
अभिषेक ने लू कैफे की शुरुआत, अपनी कंपनी एक्जोरा एफएम के तहत की है। जिसके जरिए, वह सार्वजनिक शौचालयों को नया रूप देने के साथ-साथ, इसके व्यवहार को भी बढ़ावा दे रहे हैं।
राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में स्थित ग्राम पंचायत घमुड़वाली आज देश की स्वच्छ और हरित ग्राम पंचायतों में शामिल होती है। यहाँ के सरपंच राजाराम जाखड़ के नेतृत्व में गाँव में बहुत से विकास कार्य हुए हैं और आगे भी जारी हैं। इन विकास कार्यों को देखते हुए ही घमुड़वाली गाँव को निर्मल गाँव होने का सम्मान प्राप्त है।
कर्नाटक के चामराजनगर जिले के होंगहल्ली गांव में सरकारी प्राथमिक स्कूल के हेडमास्टर बी महादेश्वर स्वामी का दिन साफ़- सफाई से शुरू होता है। स्कूल के शौचालय से लेकर कक्षाओं तक सफाई हेडमास्टर साहब खुद करते हैं। उनके प्रयासों से स्कूल में काफी बदलाव आया है।
बिहार के गया जिले के फतेहपुर गांव में एक नेत्रहीन व्यक्ति, साधु माझी ने न केवल अपने घर में शौचालय बनवाया, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि गांव के बाकी लोगों को भी जागरूक किया जाये। आज यह गाँव खुला शौच मुक्त गाँव हैं और इसका पूरा श्रेय माझी को ही जाता है।
राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के एक छोटे से गांव सावनिया से ताल्लुक रखने वाले 45 वर्षीय किसान मणिलाल राणा ने अपने गांव में 35 दिनों के अंदर लगभग 780 शौचालय बनवाये हैं। जिसके चलते मणिलाल स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत अपने गांव के स्वच्छगृही बन गए हैं।
इंग्लैंड में ऐशो आराम की ज़िन्दगी छोड़कर भारत वापस आये रूता और आशीष अब इस गाँव में शौचालय बनवाने के लिए आपकी मदद चाहते है. लिंक पर क्लिक करके योगदान करे.