चलिए दिल्ली से लेह तक के रोमांचक सफर में, अलका कौशिक के साथ। इस सफरनामे में, लेह-लद्दाख की ख़ूबसूरती बयान करते हुए, वह आपको वो सारे टिप्स भी देंगी, जो आपकी इस यात्रा के लिए ज़रूरी हैं।
लद्दाख के बोग्दंग गाँव की रहने वाली जुलेखा बानो अपने ‘बाल्टी समुदाय’ में वकील बनने वाली पहली महिला हैं। लेकिन, उनका यह सफर कई कठिनाइयों से भरा रहा है। यहाँ पढ़िए, उनकी प्रेरक कहानी!
स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, नई दिल्ली से पढ़ाई करने के बाद संदीप बोगाधी ने दिल्ली और बेंगलुरु के फर्मों के लिए काम किया। लेकिन, कुछ अलग करने की चाहत में, उन्होंने नौकरी छोड़ लद्दाख को ही अपना घर बना लिया।
भरत वातवानी और सोनम वांगचुक को इस वर्ष रामन मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। उन्हें 31 अगस्त को फिलीपींस के सांस्कृतिक केंद्र में एक समारोह पर औपचारिक रूप से पुरस्कार दिया जाएगा। डॉ भरत वातवानी मुंबई से एक मनोचिकित्सक हैं। सोनम वांगचुक एक इंजीनियर, इन्नोवेटर और शिक्षा सुधारवादी हैं।
कारगिल युद्ध में शहीद हुए गायक और जाबांज भारतीय सैनिक हनीफ उद्दीन का जन्म 23 अगस्त, 1974 को दिल्ली में हुआ। उन्होंने आठ साल की उम्र में अपने पिता को खो दिया था और उनके नफीस व समीर, दो भाई थे। उन्हें वीर चक्र से सम्मानित किया गया था।
जम्मू-कश्मीर के लद्दाख में सियाचिन ग्लेशियर के लिए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने एक 35-मीटर का पुल (ब्रिज) तैयार किया है। इस ब्रिज के चलते दुनिया के सबसे ऊँचे युद्धक्षेत्र सियाचिन के बेस कैंप में सेना के वाहन-चालन की गतिविधियां आसान हो जाएँगी।