मुस्लमानों के रहबर-ए-आज़म और हिन्दुओं के दीनबंधु सर छोटूराम का जन्म 24 नवम्बर 1881 में झज्जर के छोटे से गांव गढ़ी सांपला में बहुत ही साधारण किसान परिवार में हुआ। उन्होंने वकालत की डीग्री ली। ताउम्र उन्होंने किसानों और गरीबों के लिए काम किया। 9 जनवरी 1945 को उनका निधन हुआ।
उत्तराखंड के गगनदीप ने जो किया वह उनके काम का हिस्सा था। पर आज के जमाने में जब धर्म और राजनीती के नाम पर लोग अपना फ़र्ज़ भी भूल जाते हैं ऐसे मैं गगनदीप का ये साहस बेशक प्रेरित करने वाला है।