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मंदिर के कचरे में ढूंढा व्यवसाय का खज़ाना, खड़ा कर दिया करोड़ों का कारोबार!

By निशा डागर

साल 1998 से अम्बा जी मंदिर के बिल्कुल बाहर रामी की दुकान है, जहाँ आज वे दो हज़ार से भी ज़्यादा हैंडीक्राफ्ट प्रोडक्ट्स बेचते हैं!

मंदिर से इकट्ठा होने वाले फूलों को जैविक खाद में बदल रहे हैं अहमदाबाद के ये दो इंजीनियर!

By निशा डागर

गुजरात के अहमदाबाद से ताल्लुक रखने वाले दो इंजीनियर अर्जुन ठक्कर और यश भट्ट पिछले दो सालों से अपनी पहल 'ब्रूक एंड ब्लूम' के जरिये मंदिरों से इकट्ठा होने वाले फूलों से जैविक खाद बना रहे हैं। इनकी यह पहल अहमदाबाद नगर निगम के 'कलश प्रोजेक्ट' से जुडी हुई है।

26 सालों से हिन्दू भाईयों के वापस आने की उम्मीद में मंदिर की देखभाल करते है इस गाँव के मुसलमान!

By निशा डागर

उत्तर-प्रदेश के मुज़फ्फरनगर के लद्देवाला क्षेत्र में पिछले 26 सालों से मुस्लिम परिवार एक मंदिर की देख-रेख कर रहे हैं। दरअसल, साल 1990 में बाबरी मस्जिद के गिरने के बाद इस क्षेत्र में भी दंगों की आग भड़की। और इसी के चलते यहां रह रहे 20 हिन्दू परिवार यह जगह छोड़कर चले गए।

इस गणेश-चतुर्थी इन तरीकों से करें बप्पा को चढ़ने वाले फूलों का पुनः प्रयोग!

By निशा डागर

इस गणेश चतुर्थी गणपति को चढ़ने वाले फूलों को पानी में फेंकने की बजाय आप इनको नए तरीके से उपयोग में ला सकते हैं। जानिए ऐसे तीन संगठनों के बारे में जो फूलों को खाद या फिर अगरबत्ती का रूप दे रहे हैं।

मिलिए यूपी के रामवीर कश्यप से, 120 साल पुरानी मस्जिद की कर रहे हैं देखभाल!

By निशा डागर

उत्तर-प्रदेश के मुज़फ्फरनगर के नन्हेड़ा गांव में पिछले 25 सालों से एक मिस्त्री (मकान बनाने वाला) लगभग 120 साल पुरानी मस्जिद का रख-रखाव कर रहा है। 59 वर्षीय रामवीर कश्यप के लिए यह उनका 'धार्मिक' कर्तव्य है। आश्चर्य की बात यह है कि इस गांव में एक भी मुस्लिम नहीं है।

केरल: बाढ़ के बाद मिला सद्भावना का सन्देश, मुस्लिम युवाओं ने किये मंदिर साफ़!

By निशा डागर

केरल की बाढ़ में हिन्दू और मुसलमान के बीच के मतभेद जैसे बाह गए हों। जी हाँ, वायनाड और मलप्पुरम में दो मुस्लिम युवा संगठन मिलकर मंदिरों की सफाई में जुटे हैं। बाढ़ के बाद हर जगह मिट्टी और गंदगी है। ऐसे में वायनाड के वन्नियोडे श्री महा विष्णु मंदिर की सफाई कुछ मुस्लिम लड़कों ने शुरू की।

इस मंदिर में होगी इफ़्तार की दावत और भारत में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है!

By निशा डागर

अगर रोज धर्म के नाम पर होते खून-खराबें की खबरों से आपका मन विचलित है तो पढ़िए ये कहानियां जो आज भी देश में भाईचारे और प्रेम की भावना का सन्देश देती हैं। एक तरफ जहां एक औरत रोज़े रखती है तो मुस्लिम मंदिरों की सफाई हैं।

बंगलुरु में शुरू हुआ एशिया का पहला फूड ट्रक, जिसमें सभी सदस्य हैं महिलाएँ।

By अदिति मिश्रा

'सेवेन्थ सिन' फूड ट्रक की खासियत ये है, कि यह एशिया का पहला ऐसा फ़ूड ट्रक है,जिसकी सभी सदस्य महिलाएँ हैं।