आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में रहने वाले मधु वज्रकरुर इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के छात्र हैं और उनके यहाँ बिजली और स्वच्छ पेयजल की कोई खास सुविधा नहीं है। इस भीषण संकट का सामना करने के लिए उन्होंने एक ऐसा विंड टरबाइन बनाया है, जो बिजली और पीने योग्य पानी उत्पन्न कर सकता है।
तेलगांना के आईएएस देवरकोंडा कृष्ण भास्कर, साल 2016 में नवगठित राजन्ना सिरसिल्ला जिला के पहले जिलाधिकारी थे और उनके प्रयासों से क्षेत्र में जलस्तर को 6 मीटर तक बढ़ाने में सफलता मिली।
केरल के कासरगोड के रहने वाले 67 वर्षीय कुंजंबु, पिछले 50 वर्षों से अधिक समय के दौरान 1000 से अधिक सुरंगे बना चुके हैं। जिसके फलस्वरूप आज गाँव के लोगों को पानी के लिए बोरवेल पर कोई निर्भरता नहीं है।
साल 2016 में गुजरात के खेड़ा जिले में स्थित ढूंडी गाँव में विश्व की पहली 'सौर सिंचाई सहकारी समिति'- ढूंडी सौर ऊर्जा उत्पादक सहकारी मंडली का गठन किया गया है।