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भारतीय स्वतंत्रता

ऊदा देवी 'पासी': अकेले ही 30 से भी ज़्यादा ब्रिटिश सैनिकों को मार गिराने वाली भारतीय वीरांगना!

By निशा डागर

लखनऊ में जन्मीं ऊदा देवी 'पासी' जाति से सम्बन्ध रखती थीं। उनके पति का नाम मक्का पासी था और शादी के बाद ससुराल में ऊदा का नाम 'जगरानी' रख दिया गया। इस 'दलित वीरांगना' ने लखनऊ के सिकंदर बाग में ब्रिटिश सेना को मुंहतोड़ जवाब दिया। 16 नवम्बर 1857 को वे वीरगति को प्राप्त हुईं।

करतार सिंह 'सराभा': वह भारतीय क्रांतिकारी, जिसे ब्रिटिश मानते थे 'अंग्रेजी राज के लिए सबसे बड़ा खतरा'!

By निशा डागर

भारतीय स्वतंत्रता सेनानी करतार सिंह का जन्म पंजाब के लुधियाना जिले के सराभा गांव में 24 मई, 1896 को हुआ था। उन्होंने अमेरिका में रहते हुए भारतीय स्वतंत्रता के लिए ग़दर पार्टी की स्थापना में अहम भूमिका निभाई थी। लाहौर षडयंत्र के लिए उन्हें 16 नवम्बर 1915 को फांसी दी गयी।

बिरसा मुंडा: ब्रिटिश सरकार के ख़िलाफ़ विद्रोह करनेवाले पहले आदिवासी वीर

By निशा डागर

Birsa Munda: First Adivasi Freedom Fighter Of India. बिरसा मुंडा: ब्रिटिश सरकार के ख़िलाफ़ विद्रोह करनेवाले पहले आदिवासी वीर।

वासुदेव बलवंत फड़के: वह क्रांतिकारी जिनकी आदिवासी सेना ने अंग्रेजों को लोहे के चने चबवाये!

By निशा डागर

vasudev balwant phadke का जन्म 4 नवंबर, 1845 को महाराष्ट्र के रायगड जिले के शिरढोणे गांव में हुआ था। साल 1857 की क्रांति की विफलता

स्वामी दयानंद सरस्वती : वह सन्यासी जिसने धार्मिक कुरीतियों को दरकिनार कर धर्म का एक नया अध्याय लिखा!

By निशा डागर

महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती जी का जन्म 12 फरवरी 1824 को गुजरात में मोराबी के टंकारा गांव में हुआ था। मूल नक्षत्र में जन्म होने के कारण उनका नाम मूलशंकर रखा गया था। आर्य समाज के इस संस्थपक ने ही देश में स्वतंत्रता संग्राम की नींव रखी और लोगों को जोड़ा। 30 अक्टूबर 1883 को अजमेर में उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली।

झांसी की रानी से भी पहले थी एक स्वतंत्रता सेनानी; जानिए उस वीरांगना की अनसुनी कहानी!

By निशा डागर

कर्नाटक के बेलगावी जिले के कित्तूर तालुका में हर साल अक्टूबर के महीने में 'कित्तूर उत्सव' मनाया जाता है। इस साल भी यह उत्सव 23 अक्टूबर, 2018 से 25 अक्टूबर, 2018 तक मनाया जायेगा। इसकी शुरुआत रानी चेन्नम्मा ने की थी। वे भारत की पहली स्वतंत्रता सेनानी थीं जिन्होंने अंग्रेजों को हराया।

इस स्वतंत्रता सेनानी के प्रयासों के कारण बना था काकोरी शहीद स्मारक!

By निशा डागर

भारतीय स्वतंत्रता सेनानी रामकृष्ण खत्री का जन्म वर्तमान महाराष्ट्र के जिला बरार के चिखली गाँव में 3 मार्च 1902 को हुआ था। उन्हें 'हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन' संगठन का दायित्व सौंपा गया। काकोरी कांड में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 18 अक्टूबर 1996 को उनका देहांत लखनऊ में हुआ।

जानिए कौन था भारत का सबसे छोटा स्वतंत्रता सेनानी, मात्र 12 साल की उम्र में हुआ शहीद!

By निशा डागर

साल 1926 में उड़ीसा के ढेंकनाल ज़िले के नीलकंठपुर गांव में बाजी राउत का जन्म हुआ। उन्होंने बैष्णव पट्टनायक द्वारा स्थापित प्रजामण्डल संगठन की युवा विंग 'बानर सेना' को ज्वाइन किया। बाजी देश के लिए सबसे कम उम्र में शहीद होने वाला सेनानी था।

वह अमरिकी, जिसने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया और भारत के किसानों को सेब उगाना सिखाया!

By निशा डागर

अमेरिका की जाने-माने परिवार का बेटा और स्टॉक्स एंड पैरिश मशीन कंपनी का वारिस होते हुए भी सैम्युल इवान्स स्टॉक्स जूनियर ने अपना  में कोढ़ से पीड़ित मरीजों की सेवा करते हुए बिताया।उन्होंने अंग्रेज़ों के विरुद्ध भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया। ये कहानी है सैम्युल स्टॉक्स जूनियर की सत्यानंद स्टॉक्स बनने की।

मिलिए 102 साल के स्वतंत्रता सेनानी से, जिन्होंने देश के लिए अपना सारा जीवन अर्पित कर दिया!

By निशा डागर

उत्तर-प्रदेश के लखनऊ में रिवर बैंक कॉलोनी के सेवा सदन में रहने वाले शिवनारायण लाल गुप्त 102 साल के हो चुके हैं। शिवनारायण एक स्वतंत्रता सेनानी रह चुके हैं। उन्होंने अपना पूरा जीवन देश के लिए दे दिया।