बेंगलुरु के रहने वाले सिड नायडू एक एडवरटाइजिंग और मीडिया कंपनी चलाते हैं, जिसका टर्नओवर लगभग चार करोड़ रुपए है। लेकिन एक समय था जब सिड अपने घर का खर्च चलाने के लिए अखबार बांटा करते थे।
बेंगलुरु की रहने वाली सुशीला राय एक होम बेकर और केक आर्टिस्ट हैं, लेकिन इसके साथ ही, उनके जानने वाले उन्हें 'जुगाड़ क्वीन' भी कहते हैं क्योंकि, पुरानी-बेकार चीजों को नया रूप देकर फिर से इस्तेमाल में लेने में वह माहिर हैं।
कर्नाटक के तुमकुर में रहने वाले जैन सनी हस्तीमल ने लगभग सात साल पहले, बेसहारा जानवरों को पानी पिलाने के लिए Water For Voiceless अभियान की शुरुआत की थी।
करोड़ों का राजस्व अर्जित करने वाली टेक्नोलॉजी और इनोवेशन कंसल्टिंग फर्म ‘IPexcel’ की स्थापना के बाद, ओडिशा की मधुमिता अग्रवाल अब अपने पति दिनकर अग्रवाल के साथ, एक इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी ‘OBEN’ का नेतृत्व कर रही हैं।
बेंगलुरु की जिंसी सैमुअल ने खेती में बिना किसी औपचारिक ट्रेनिंग के, अपनी छत पर हाइड्रोपोनिक और एक्वापोनिक विधि से 230 तरह की फल-सब्जियां उगाती है। साथ ही, झींगा तथा तिलापिया मछलियों का भी होता है प्रजनन।
बेंगलुरु में रहने वाले 58 वर्षीय विश्वनाथ मल्लाबादी एक इको-आर्टिस्ट हैं, जो पिछले आठ सालों से इलेक्ट्रॉनिक कचरे को अपसायकल करके ज्वेलरी, पेंटिंग, मिनी बिल्डिंग, डमी रोबोट आदि बना रहे हैं।