तिरुवनंतपुरम, केरल की रहने वाली श्रीविद्या एम.आर. ने अपनी बेटी के बालों से डैंड्रफ हटाने के लिए एक पारंपरिक विधि से तेल बनाया था। आज इसी तेल को वह 'नंदीकेशम' ब्रांड नाम से बेचकर लाखों का बिज़नेस कर रहीं हैं।
कोचीन, केरल में रहने वाली दीविया थॉमस ने साल 2008 में पुराने अखबारों से बैग बना कर अपने काम की शुरुआत की थी और आज वह इको-फ्रेंडली बैग के साथ-साथ डिब्बे, कार्ड, पेपर-पेन जैसे उत्पाद भी बना रहीं हैं।
दिल्ली में पाँच महिलाओं ने मिलकर ‘काकुल’ नाम से एक ऐसे मंच को शुरू किया, जहाँ न सिर्फ पर्यावरण के अनुकूल और हाथों से बने सौ से अधिक उत्पादों को बेचा जाता है, बल्कि इससे दूसरी महिला उद्यमियों को भी बढ़ावा मिल रहा है। पढ़िये एक प्रेरक कहानी।
दिल्ली में रहने वाली प्रज्ञा अग्रवाल ने अपनी बेटी आध्विका के साथ मिलकर अपनी ऑर्गेनिक स्पाइस कंपनी ORganic COndiments की शुरुआत 2016 में की। इसके तहत उनका उद्देश्य वंचित महिलाओं को रोजगार देने का है।
जम्मू की रहने वाली तान्या दिल्ली में एक शेफ इंस्ट्रक्टर के तौर पर काम करती थीं, लेकिन कुछ अलग करने की चाहत में उन्होंने नौकरी छोड़ खुद के बेकरी बिजनेस को शुरू करने का फैसला किया, जिसके जरिए आज वह हर महीने 30 हजार से अधिक रुपए कमा रहीं हैं।
पुणे निवासी निनाद वेंगरुलकर के माली रामभाऊ आज बागवानी से लाखों में कमा रहे हैं। उन्होंने आज से चार साल पहले एक माली के रूप में शुरुआत की थी। लेकिन आज उनके पास अच्छा घर, होंडा सिविक गाड़ी है और लगभग 15 लोग उनके नीचे काम करते हैं। निनाद ने एक फेसबुक पोस्ट में उनके बारे में लिखा है।