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पहली बार देश की महिला पुलिसकर्मियों के लिए बनाया गया स्पेशल 'बॉडीसूट'!

By निशा डागर

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO)  ने महिला पुलिसकर्मियों और पैरामिलिट्री अफ़सरों के विभिन्न शारीरक मापों को ध्यान में रखते हुए उनके लिए खास तरीके का 'रायट गियर' तैयार किया है। 'रायट गियर,' एक खास तरह की यूनिफॉर्म या बॉडीसूट है, जिसे आग और एसिड प्रतिरोधक मैटेरियल से बनाया गया है।

कैप्टेन गुरबचन सिंह सलारिया: वह भारतीय जिसने विदेशी धरती पर फहराया था विजय का पताका!

By निशा डागर

कैप्टेन गुरबचन सिंह सलाारिया का जन्म 29 नवंबर 1935 को पंजाब के शकगरगढ़ के पास एक गांव जनवाल (अब पाकिस्तान में) में हुआ था। वे गोरखा राइफल्स में कैप्टेन थे। वे संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान के सदस्य थे। वह परमवीर चक्र प्राप्त करने वाले एकमात्र संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक हैं।

जानिए कौन हैं सुनील अरोड़ा; अगले महीने से संभालेंगें मुख्य चुनाव आयुक्त का पद!

By निशा डागर

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सुनील अरोड़ा को मुख्य इलेक्शन कमिश्नर नियुक्त किया है। बताया जा रहा है कि सुनील अरोड़ा अगले महीने यानी कि 2 दिसंबर से कार्यभार संभालेंगें। उनसे पहले इस पद को ओपी रावत संभाल रहे थे। 

मुसलमानों के रहबर-ए-आज़म और हिन्दुओं के दीनबंधु, जिनकी वजह से बने किसानों के हित में कानून!

By निशा डागर

मुस्लमानों के रहबर-ए-आज़म और हिन्दुओं के दीनबंधु सर छोटूराम का जन्म 24 नवम्बर 1881 में झज्जर के छोटे से गांव गढ़ी सांपला में बहुत ही साधारण किसान परिवार में हुआ। उन्होंने वकालत की डीग्री ली। ताउम्र उन्होंने किसानों और गरीबों के लिए काम किया। 9 जनवरी 1945 को उनका निधन हुआ।

भुला दिए गये नायक: बटुकेश्वर दत्त, वह स्वतंत्रता सेनानी जिसने आजादी के बाद जी गुमनामी की ज़िन्दगी!

By निशा डागर

Batukeshwar Dutt स्वतंत्रता सेनानी बटुकेश्वर दत्त का जन्म 18 नवम्बर 1910 को तत्कालीन बंगाल में बर्दवान जिले के ओरी गांव में हुआ था।

करतार सिंह 'सराभा': वह भारतीय क्रांतिकारी, जिसे ब्रिटिश मानते थे 'अंग्रेजी राज के लिए सबसे बड़ा खतरा'!

By निशा डागर

भारतीय स्वतंत्रता सेनानी करतार सिंह का जन्म पंजाब के लुधियाना जिले के सराभा गांव में 24 मई, 1896 को हुआ था। उन्होंने अमेरिका में रहते हुए भारतीय स्वतंत्रता के लिए ग़दर पार्टी की स्थापना में अहम भूमिका निभाई थी। लाहौर षडयंत्र के लिए उन्हें 16 नवम्बर 1915 को फांसी दी गयी।

1 नवम्बर: भारत के छह राज्यों का एक ऐतिहासिक दिन!

By निशा डागर

भारत के इतिहास में 1 नवंबर का बहुत महत्व है। यह वह तारीख है जिस दिन वर्षों पहले देश के विभिन्न राज्यों का भाषा के आधार पर पुनर्गठन करने का फैसला लिया गया था। साल 1956 से लेकर साल 2000 तक इसी दिन भारत के छह अलग-अलग राज्यों का जन्म हुआ।

साल 2008 में काबुल में शहीद हुए दो आईटीबीपी सैनिकों को मिलेगा कीर्ति चक्र!

By निशा डागर

इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) के दो कॉन्सटेबल को भारत सरकार द्वारा कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है। पंजाब के पठानकोट से ताल्लुक रखने वाले अजय सिंह पठानिया और हिमाचल प्रदेश के मंडी के रहने वाले कॉन्स्टेबल रूप सिंह ने 7 जुलाई, 2008 को काबुल में भारतीय दूतावास में बहुत सी जानें बचाने के लिए अपनी परवाह नहीं की।

पायलट बनने के बाद पंजाब के इस पुत्तर ने अपने गाँव के बुजुर्गों को करवाई मुफ्त में हवाई यात्रा!

By निशा डागर

पंजाब के आदमपुर के सारंगपुर गाँव से ताल्लुक रखने वाले विकास ज्याणी ने पायलट बनने के बाद जो किया है, उस बात ने सबका दिल जीत लिया है। दरअसल, विकास ने अपने गाँव के 22 बुजुर्ग दादा व दादियों को हवाई जहाज की सैर करवाई। इन सभी बुजुर्गों की उम्र 72 साल से उपर है।

आईये भगत सिंह की डायरी के कुछ पन्ने उलटकर देखें, एक क्रांतिकारी के भीतर बसे कवि से कुछ सीखें!

By निशा डागर

28 सितम्बर 1907 को पंजाब के लायलपुर (अब पाकिस्तान में) गाँव में पैदा हुए भगत सिंह को को अन्य स्वतंत्रता सेनानियों जैसे राजगुरु और सुखदेव के साथ लाहौर साजिश के मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी। किताब 'द जेल नोटबुक एंड अदर राइटिंग्स' में भगत सिंह द्वारा लिखी गयी कवितायों और बातों के बारे में लिखा गया है।