झारखंड के इस गाँव के बच्चों के पास शहरी बच्चों की तरह न स्मार्ट फोन था न इंटरनेट, ऐसे में उनके प्रिंसिपल डॉ. सपन कुमार ने यह कदम न उठाया होता तो शायद वे शिक्षा से वंचित ही रह जाते।
बिहार के इस प्राथमिक टीचर ने अपने एक गरीब छात्र की स्कूल पढ़ाई का पूरा खर्च उठाया। आज उनका वह छात्र एक डॉक्टर है और आज भी वह अपनी व्यस्त ज़िंदगी में से वक़्त निकाल कर अपने गुरु से मिलने गाँव जरुर आता है।
स्मार्ट फ़ोन के एक स्मार्ट फीचर का इस्तेमाल कर मुंबई निवासी ज़ीनत हक़ (20 वर्षीय) को उनका चोरी हुआ फ़ोन वापिस मिल गया। अपने फोन पर माई एक्टिविटी फीचर की मदद से, ज़ीनत न केवल अपने फोन को ट्रैक करने में कामयाब रही, बल्कि चोर को पकड़ने में भी मदद की।