अभिषेक ने लू कैफे की शुरुआत, अपनी कंपनी एक्जोरा एफएम के तहत की है। जिसके जरिए, वह सार्वजनिक शौचालयों को नया रूप देने के साथ-साथ, इसके व्यवहार को भी बढ़ावा दे रहे हैं।
बिहार के गया जिले के फतेहपुर गांव में एक नेत्रहीन व्यक्ति, साधु माझी ने न केवल अपने घर में शौचालय बनवाया, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि गांव के बाकी लोगों को भी जागरूक किया जाये। आज यह गाँव खुला शौच मुक्त गाँव हैं और इसका पूरा श्रेय माझी को ही जाता है।
राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के एक छोटे से गांव सावनिया से ताल्लुक रखने वाले 45 वर्षीय किसान मणिलाल राणा ने अपने गांव में 35 दिनों के अंदर लगभग 780 शौचालय बनवाये हैं। जिसके चलते मणिलाल स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत अपने गांव के स्वच्छगृही बन गए हैं।
हरियाणा की गोदिकां पंचायत ने फैसला किया है कि जिस भी घर में शौचालय नहीं होगा वहां वे अपनी बेटियों की शादी नहीं करेंगें। अभिनेता अक्षय कुमार और भूमि पेडनेकर की फिल्म, टॉयलेट: एक प्रेम कथा से प्रभावित गांव के सरपंच धर्मपाल ने यह प्रस्ताव पारित किया।
जिला कलेक्टर धरम रेड्डी की कोशिश सामाजिक समानता के साथ-साथ लोगों के रोजमर्रा के समस्यायों को हल करने की है। स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत हुई कार्यशाला में उन्होंने जो भी सीखा उसे उपयोग में कैसे लाया जा सकता, इसका तरीका उन्होंने स्वयं करके दिखाया।