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INA vs British : पढ़िए विश्व के सर्वश्रेष्ठ कानूनी बहसों में से एक माने जाने वाले वकालती तर्को की कहानी!

आज़ाद हिन्द फौज की तरफ से जो कानूनी लड़ाई भूलाभाई देसाई ने लड़ी, उन तर्को की गूंज आज भी कानूनी गलियारे में गूंज रही है।

दुर्गाबाई देशमुख: संविधान के निर्माण में जिसने उठाई थी स्त्रियों के लिए सम्पत्ति के अधिकार की आवाज़!

By निशा डागर

दुर्गाबाई देशमुख, एक महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, जिन्होंने न सिर्फ़ देश की सेवा की, बल्कि कानून की पढ़ाई कर महिलाओं के अधिकारों के लिए आवाज़ उठाई। साल 1946 में गठित हुई संविधान सभा का वे अभिन्न अंग थीं। इसके अलावा उन्हें भारत में 'सामाजिक कार्यों की जननी' कहा जाता है।

पुणे: अब केवल 10 रूपये में हेलमेट किराये पर लेकर करें सुरक्षित सफ़र!

By निशा डागर

महाराष्ट्र में पुणे के आस-पास के इलाके जैसे कि पिंपरी, दपोड़ी में दुकानदारों ने हेलमेट किराए पर देने की सर्विस शुरू की है। यह कदम पुणे ट्रैफिक पुलिस के हेलमेट मैंडेट के बाद उठाया गया है। इन दुकानों से लोग पुणे की तरफ जाते समय हेलमेट किराये पर ले सकते हैं और फिर वापिस कर सकते हैं।

हाउसिंग सोसाइटी के बाहर ट्रैफिक की पाठशाला; दादा दादी बने टीचर!

By निशा डागर

उत्तर-प्रदेश के नोयडा जिले में सेक्टर-76 की आम्रपाली प्रिंसले सोसाइटी में रहने वाले बड़े-बुजुर्ग यानी कि सीनियर सिटिज़न का एक समूह रोज सुबह सोसायटी के बाहर पोस्टर लेकर खड़ा हो जाता है। इन पोस्टर पर यातायात सम्बंधित नियम व कानून लिखे होते हैं। 

इश्वर चंद्र विद्यासागर की देख-रेख में, इस साहसी महिला ने किया था भारत का पहला कानूनन विधवा-पुनर्विवाह!

By निशा डागर

ईश्वर चंद्र विद्यासागर जिन्होंने हिन्दू विधवा-पुनर्विवाह का कानून पारित करवाया था। यह एक्ट जुलाई 1856 में पारित हुआ था। इसके बाद उन्होंने कोलकाता में 7 दिसंबर 1856 को एक विधवा लड़की कालीमती का पुनर्विवाह अपने एक साथी चंद्र विद्यारतना से करवाया था। यह देश में कानूनन पहला विधवा-विवाह था।

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद: देश के प्रथम राष्ट्रपति, जिन्होंने पूरे कार्यकाल में लिया केवल आधा वेतन!

By निशा डागर

डॉ राजेन्द्र प्रसाद न केवल देश के पहले राष्ट्रपति थे बल्कि उन्हें जन-साधारण का राष्ट्रपति कहा जाता है। 3 दिसंबर 1884 में बिहार के सीवान जिले के एक गाँव में जन्में राजेन्द्र बचपन से ही बहुत प्रतिभाशाली थे। स्वतंत्रता के बाद वे पहले राष्ट्रपति बने। उनकी बौद्धिक क्षमता का कोई सानी नहीं था।

जस्टिस एम. फातिमा बीवी: वह महिला जो न केवल भारत में बल्कि एशिया में किसी भी सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज बनी!

By निशा डागर

केरल से ताल्लुक रखने वाली फातिमा बीवी पहली महिला न्यायधीश थीं जिन्हें सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया गया था। हाल ही में एक बार फिर इंदु मल्होत्रा को सुप्रीम कोर्ट की न्यायधीश के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की गयी है। पिछले 68 सालों में सुप्रीम कोर्ट में केवल छह महिला जज ही रही हैं।

मानव मल को अपने हाथों से उठाने वालों को इस पेशे से निजात दिलवा रहे है बेज़वाड़ा विल्सन!

मल उठाने वालो को सम्मान से जीना सिखाने वाले बेज़वाड़ा विल्सन को मिला रेमन मैगसेसे पुरस्कार !