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उर्दू शायरी

गजानन माधव मुक्तिबोध: वो आग जिसकी चिंगारी मरने के बाद और भड़की!

By निशा डागर

गजानन माधव 'मुक्तिबोध' का जन्म 13 नवंबर 1917 को श्योपुर (शिवपुरी) जिला मुरैना, ग्वालियर (मध्य प्रदेश) में हुआ था। साल 1953 में उन्होंने साहित्य लेखन शुरू किया। मुक्तिबोध तारसप्तक के पहले कवि थे। मुक्तिबोध की रुचि अध्ययन-अध्यापन, पत्रकारिता, समसामयिक राजनीतिक एवं साहित्य के विषयों पर लेखन में थी।

कान्हा की भक्ति में लीन, हाशिम ने मीरा बाई के 209 पदों को 1494 अशआर की शायरी में पिरोया!

By निशा डागर

उत्तर प्रदेश के फैज़ाबाद के पास जलालपुर से ताल्लुक रखने वाले हाशिम रज़ा जलालपुरी ने हाल ही में मीरा बाई द्वारा लिखे गए पदों का का उर्दू शायरी में अनुवाद किया है। इस अनुवाद को पूरा करने में उन्हें पुरे तीन साल गए। पदमश्री अनवर जलालपुरी और यश भारती नैयर जलालपुरी भी हाशिम की प्रेरणा रहे हैं।