आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में रहने वाली, अनुराधा पेरला ने अपने घर पर तो 1000 से ज्यादा पेड़-पौधे लगाए ही हैं, साथ ही, उन्होंने एक अस्पताल में भी सब्ज़ियां उगाई हैं, जिनसे मरीजों के साथ आये परिजनों के लिए भी खाना बनाया जाता है।
ध्र प्रदेश के कडप्पा जिले में 28 वर्षीया डॉ. नूरी परवीन, जरूरतमंद और गरीब लोगों के लिए क्लिनिक चला रही हैं, जहाँ वह मात्र 10 रुपये में मरीज़ों का इलाज करती हैं।
आंध्र प्रदेश के विशाखापट्नम स्थित एमवीपी कॉलोनी में रहने वाले चित्तम सुधीर सीधा किसानों से 8 तरह के अनाज खरीदकर अपने स्टॉल पर अलग-अलग तरह की इडली बनाते हैं!
आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में रहने वाले मधु वज्रकरुर इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के छात्र हैं और उनके यहाँ बिजली और स्वच्छ पेयजल की कोई खास सुविधा नहीं है। इस भीषण संकट का सामना करने के लिए उन्होंने एक ऐसा विंड टरबाइन बनाया है, जो बिजली और पीने योग्य पानी उत्पन्न कर सकता है।
जब मेरिना का लिस्ट में नाम आया तो उनका यह सफ़र देश की बहुत-सी महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गया। ख़ासकर उन महिलाओं के लिए, जो अक्सर शादी और बच्चों के बाद अपने सपनों को दर-किनार कर देती हैं।
दुर्गाबाई देशमुख, एक महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, जिन्होंने न सिर्फ़ देश की सेवा की, बल्कि कानून की पढ़ाई कर महिलाओं के अधिकारों के लिए आवाज़ उठाई। साल 1946 में गठित हुई संविधान सभा का वे अभिन्न अंग थीं। इसके अलावा उन्हें भारत में 'सामाजिक कार्यों की जननी' कहा जाता है।
आईआरएस अफसर वी. साई वमसी के लिए सिविल सेवा परीक्षा पास करना देश की सेवा करने का एक तरीका है। साल 2016 में उन्होंने 220वीं रैंक के साथ परीक्षा पास की। हाल ही में, उन्होंने आकांक्षा नाम के एक एनजीओ को अपनी शादी में मिले लगभग 1.25 लाख रूपये के तोहफ़े दान कर दिए।
आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिले के धर्मवराम गांव के 13 वर्षीय लड़के के. तेजा ने एक टूथब्रश बनाया है। तेजा द्वारा बनाये गए टूथब्रश की ख़ासियत सिर्फ यही नहीं है कि यह बायोडिग्रेडेबल और इको- फ्रेंडली है बल्कि यह भी है कि इस टूथब्रश के अपने ही घर के बाग़ की चीज़ें इस्तेमाल करके बनाया गया है।