कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन 4 मई तक बढ़ाए जाने के साथ, देश भर के किसानों और ग्राहकों, दोनों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में सीधा खेतों से घरों तक सब्जियां पहुंचाने का मॉडल एक बेहतर समाधान हो सकता है।
राखी मित्तल के मुताबिक, घर के गीले कचरे से बनी खाद पेड़-पौधों के लिए सबसे उत्तम होती है। यह पोषण से भरपूर, उच्च गुणवत्ता वाली होती है। इसलिए ही इसे 'काला सोना' कहा जाता है!
नंदा कुमार ने अपने गाँव में चार डंपिंग यार्ड और दो प्राइमरी स्कूलों की खाली जगहों को मिनी फार्म में बदला है। यहाँ पर उगने वाली सब्ज़ियां गाँव के लोगों द्वारा और मिड डे मील के लिए इस्तेमाल किया जाता है!