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किसान ने बनाया ट्रॉली वाला सोलर पैनल सिस्टम, ट्रैक्टर से कहीं भी ला-ले जा सकते हैं

By निशा डागर

इस सोलर ट्रॉली से किसान अपने खेतों पर बिजली ले सकते हैं और फिर जब खेत पर काम न हो तो इसका इस्तेमाल घर पर किया जा सकता है!

उत्तर- प्रदेश: गन्ना-किसान ने खेत पर ही लगा ली प्रोसेसिंग यूनिट, 45 लोगों को रोज़गार

By निशा डागर

हर साल योगेश लगभग 5000 क्विंटल गुड़ बनाते हैं, जिसे वह सीधा कंपनियों को बेचते हैं और इसके साथ वह 2000 लीटर गन्ने का सिरका भी बना रहे हैं, जिसे वह मुफ्त में लोगों को बांटते हैं!

सितंबर में बोइए इन सब्ज़ियों के बीज और दिसंबर में खाइए ताज़ा सब्ज़ियाँ

By निशा डागर

अगर आपके इलाके में फिलहाल तापमान 30 से 35 डिग्री के बीच है और मौसम में नमी होने लगी है तो यह उपयुक्त समय है बीज लगाने का!

छोटे गमलों में बड़े पेड़: YouTube से सीखी इस कला से घर पर रहकर ही कमा लेते हैं हज़ारों

By निशा डागर

बागपत, उत्तर प्रदेश के रहने वाले विकास उज्जवल के पास आज 100 से भी ज़्यादा बौने पेड़ हैं!

MBA कर किसान पिता के साथ गुड़ बनाने लगा यह बेटा, अब 100 किसानों तक पहुँच रहा है फायदा

सोहन अपनी गुड़ की प्रोसेसिंग यूनिट को हर साल सितंबर से अप्रैल तक चलाते हैं और इन आठ महीनों में ही लगभग 10 लाख रूपये कमा लेते हैं।

छत पर उगाये फूल, सब्ज़ी, फल और मसालों के 300 पेड़-पौधे, ताकि पड़ोसियों को मिले ताज़ा स्वाद

By निशा डागर

24 वर्षीय अनुभव ने अब अपने गार्डन में शहतूत, कमरख, और बेर जैसे फल भी लगाए हैं जो आजकल स्थानीय बाज़ारों में नहीं मिलते हैं!

#गार्डनगिरी: घर से लेकर लाइब्रेरी तक, पौधों की दुनिया बसा रही हैं सना ज़ैदी!

By निशा डागर

"अगर आपके आस-पास हरियाली है तो चाहे आप कितने भी तानव में हों, एक सकारात्मक ऊर्जा आपको ज़रूर मिलती है। यही सोचकर मैंने लाइब्रेरी में भी पेड़ लगाए ताकि वहां बैठकर पढ़ने वाले बच्चों का मन इन्हें देखकर शांत और खुश रहे।"

100 से लेकर डेढ़ लाख तक: जानिए कैसे धरती को बचाने में जुटे हैं ये पर्यावरण प्रहरी!

By निशा डागर

कोई गाँव-गाँव जाकर लगा रहा है पौधे तो एक पुलिसवाला 40 साल से कर रहा है पेड़ों की देखभाल!

लंदन से की पढ़ाई और भारत लौटकर बन गईं जैविक किसान, 25 किसानों को दिया रोज़गार!

By निशा डागर

लॉकडाउन में दूसरे किसान जहां बाज़ार न मिलने से परेशान थे वहीं उन्हें हर दिन सब्ज़ियों की होम डिलीवरी के ऑर्डर्स मिल रहे थे!