तमिलनाडु के तूतुकुड़ी में रहने वाले एम शक्तिवेल के कस्बे में पहले बिजली की कोई सुविधा नहीं थी। उनके प्रयासों से कस्बे में 15 सोलर पैनल लगे और लोगों की जिंदगी से अंधेरा हमेशा के लिए दूर हो गया। पढ़िए यह प्रेरक कहानी!
जिला कलेक्टर संदीप नंदूरी ने दिव्यांग जनों को 'कैफ़े' शुरू करने से पहले 45 दिन का होटल मैनेजमेंट कोर्स भी करवाया था। साथ ही उन्हें कलेक्ट्रेट परिसर में ही 'कैफ़े' शुरू करके दिया है क्योंकि यह लोग 'कैफ़े' का किराया देने जितने सक्षम नहीं हैं।