रामगढ़ (झारखंड) के वियंग गांव के रहनेवाले केदार प्रसाद महतो मात्र बारहवीं पास हैं, लेकिन अपने दिमाग और आठ सालों की मेहनत से, उन्होंने गांव के लिए बिजली बनाने में सफलता हासिल कर ली।
“निवेशित लागत की वसूली सामान्यतः 4-5 वर्षों में हो जाती है। ये सोलर पैनल 25 वर्षों तक चलते हैं, इस तरह 20 वर्षों तक मुफ्त बिजली का लाभ उठाया जा सकता है।” - नीतू गोयल
घर में ग्राउंड फ्लोर को मिलाकर कुल दो फ्लोर हैं और हर फ्लोर में दो लेवल हैं। साथ ही इस निर्माण प्रक्रिया में इस्तेमाल की जाने वाली 90 प्रतिशत सामग्री रिसाइकल्ड है।
सिमरप्रीत सिंह का सिर्फ एक उद्देश्य है क्लीन और ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में भारत को सबसे आगे लेकर जाने का और साथ ही, देश में सोलर को घर-घर तक पहुंचाने का।