"इंसान को पुराने दिनों को कभी भी नहीं भूलना चाहिए। ये जीवन में बेहतर करने की प्रेरणा देते हैं," ऐसा मानना है IAS Dipesh Kumari के पिता गोविंद प्रसाद का; जिन्होंने 25 सालों तक चाय-पकौड़े का ठेला लगाकर गुज़ारा किया, लेकिन बच्चों की शिक्षा में कोई कमी नहीं आने दी।
भोपाल स्थित ‘कॉलेज खबरी’ कंपनी की संस्थापिका अर्शी खान महज 12वीं पास हैं। लेकिन, उन्होंने अपने हुनर और समझ से देश के हजारों छात्रों के करियर को एक नई दिशा दी।