ध्रुव और रोहन का बचपन पढ़ाई के साथ-साथ रोहन के दादाजी के गैराज में भी बीता। जहां वे दोनों पुरानी चीजों को नया रूप देते थे और वहीं से उन्हें आने वाली पीढ़ी के लिए यह 'आश्रम' शुरू करने की प्रेरणा मिली!
पेशे से इंजीनियर शैलेन्द्र तिवारी और आनंद कुमार ने एक ऐसा डिवाइस बनाया है जिसकी सहायता से किसानों को पता चल जाता है कि आने वाले 4-5 दिनों में उनके खेत के आसपास का मौसम कैसा होगा।