महाराष्ट्र के बीड जिले के नंदगौल गाँव के रहने वाले संदीप गिते ने विपरीत परिस्थितियों में पपीता-तरबूज की जैविक खेती शुरू की, जिससे कि उन्होंने 7 महीने में 3 लाख की कमाई कर ली। इससे प्रेरित होकर गाँव के 50 अन्य किसानों ने भी फलों की खेती शुरू कर दी।
कई फसलों की खेती करने के अलावा अभिषेक ने 2 वर्ष पहले टी-तार ग्रीन टी को भी बनाना शुरू किया। इसे वह तुलसी, लेमनग्रास, मोरिंगा आदि जैसे औषधीय पौधों की पत्तियों से बनाते हैं।
इन दिनों केशव कोरोना संक्रमण की वजह से सोशल मीडिया पर गूगल मीट के जरिए किसानों को लेक्चर भी दे रहे हैं, ताकि वह अपनी खेती में सुधार कर सकें और उनके अनुभवों का लाभ उठा सकें।
नौकरी छोड़ खेती शुरू करने वाले अनीश का मानना है कि यदि हम भोजन को अपनी दवा बना लेते हैं, तो हमें बीमारियों के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं होगी।