ऑर्गेनिक फार्मिंग से लेकर कम्पोस्टिंग तक, सब सीख सकते हैं मंगलुरु के नज़दीक केपु गाँव में बसे इस अनोखे 'वारानाशी फार्मस्टे' में। साथ ही यहाँ आने वाले मेहमान कायाकिंग और स्विमिंग जैसी कई एक्टिविटीज़ में भी भाग ले सकते हैं।
महाराष्ट्र के बीड जिले के नंदगौल गाँव के रहने वाले संदीप गिते ने विपरीत परिस्थितियों में पपीता-तरबूज की जैविक खेती शुरू की, जिससे कि उन्होंने 7 महीने में 3 लाख की कमाई कर ली। इससे प्रेरित होकर गाँव के 50 अन्य किसानों ने भी फलों की खेती शुरू कर दी।
देवेश ने अपने क्षेत्र के 200 से अधिक किसानों को भी प्रशिक्षित किया है और उन्हें जैविक खेती करने में मदद की है। इनमें से कुछ किसान तो आज स्वयं उद्यमी बन गए हैं।