वाणी कन्नन और उनके पति बालाजी 16 साल से इंग्लैंड में रह रहे थे, लेकिन जब उनका पहला बच्चा हुआ, तो उन्होंने उसे भारतीय संस्कृति के बीच पालने का फैसला किया और भारत लौट आए। यहां आने के बाद उन्होंने इको-फ्रेंड्ली, मिट्टी का घर बनाने का फैसला किया।
2001 में, गुजरात के भुज में आए भूकंप के दौरान सीमेंट से बने घर तो टूट गए थे, लेकिन ‘भूंगा’ शैली से मिट्टी से बने घरों को ज़रा सा भी नुकसान नहीं पहुंचा था।